देहरादून। उत्तराखंड देवभूमि ही नहीं, वीरभूमि भी है। सरहद की हिफाजत के लिए यहां के रणबांकुरे अपना सर्वोच्च बलिदान देने में पीछे नहीं हैं। देशभक्ति की भावना यहां कण-कण में समाहित है। यही वजह भी है कि देहरादून में शौर्य सम्मान समारोह में भाग लेने आईं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीर नारियों व माताओं से मुलाकात कर खुद को गौरवान्वित महसूस किया। उन्होंने वीर नारियों व माताओं को सम्मानित करने के साथ ही चरण स्पर्श कर उनका वंदन किया। रक्षा मंत्री से मिले इस स्नेह और सम्मान से वीर नारियां भी गदगद नजर आईं।
सर्वे ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में जब रक्षा मंत्री का स्वागत किया जा रहा था, तब शहीद अजीत प्रधान की माता हेम कुमारी ने उन्हें पुष्पगुच्छ दिया। इस पर रक्षा मंत्री ने उनके पैर छुए और आशीर्वाद लिया। समारोह के दौरान रक्षा मंत्री ने अन्य वीर नारियों व माताओं को शॉल ओढ़ाकर और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। साथ ही सभी के पैर भी छुए।
अपने संबोधन में भी रक्षा मंत्री ने उत्तराखंड की वीर नारियों व माताओं को सैल्यूट किया और कहा कि यह जज्बा इसी वीरभूमि में है, जहां एक बेटे के शहादत देने पर कहा जाता है कि एक और बेटा सेना में भेजेंगे। उन्होंने कहा कि जब वह पार्टी पॉलिटिक्स में नहीं थी, तब से उत्तराखंड आ रही हैं। पूर्व सैनिकों, सैनिकों, यहां के लोगों व विशेषकर महिलाओं से मिलती हैं तो उनके जज्बे से प्रेरणा लेकर जाती हैं।
रक्षा मंत्री से मिले सम्मान और स्नेह से वीर नारियां और माताएं गदगद नजर आईं। कारगिल शहीद सुबाब सिंह की पत्नी मुन्नी देवी ने कहा कि रक्षा मंत्री से मिला सम्मान उन्हें हमेशा याद रहेगा। बहुत अच्छा लगा। मेरा तो यही कहना है कि देश के दुश्मनों को जिस तरह वर्तमान में सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है, वह क्रम जारी रहना चाहिए।