सवालों में राहुल गांधी : भारत में नहीं ऐसा प्रावधान, कानूनन अपराध माना जाएगा दोहरी नागरिकता

नई दिल्ली। दोहरी नागरिकता को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक होने के आरोपों पर स्थिति साफ करने को कहा है। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष को 15 दिन का समय दिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह नोटिस भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत पर जारी किया है। जाहिर है चौथे चरण का चुनाव खत्म होने के बाद जारी किए गए नोटिस को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है।

सोमवार को राहुल गांधी को भेजे गए नोटिस में गृह मंत्रालय के निदेशक (नागरिकता) बीसी जोशी ने भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत का हवाला दिया है। जिसमें स्वामी ने 2003 में खोली गई कंपनी बैकॉप्स लिमिटेड का हवाला दिया है। स्वामी के अनुसार इस कंपनी में राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे। 10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 को कंपनी की ओर से भरे गए वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी की जन्मतिथि 19 जून 1970 नागरिकता ब्रिटिश बताई गई थी। यही नहीं, 17 फरवरी 2009 में जब कंपनी को बंद किया गया, तब भी नागरिकता ब्रिटिश बताई थी। जोशी ने एक पखवाड़े में राहुल गांधी को अपनी नागरिकता को लेकर वस्तुस्थिति से मंत्रालय को अवगत कराने को कहा है।

दरअसल भारत में दोहरी नागरिकता मान्य नहीं है। ऐसे में राहुल गांधी के ब्रिटिश और भारतीय नागरिकता रखना कानूनन अपराध माना जाएगा। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोप काफी गंभीर हैं और उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में दस्तावेजी सबूत भी दिये हैं। लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई के पहले राहुल गांधी को अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राहुल गांधी का पक्ष आ जाने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

वहीं गृह मंत्रालय के नोटिस पर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस ने नोटिस के समय पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक पैंतरेबाजी करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने साफ कर दिया कि राहुल गांधी जन्म से ही भारतीय हैं और उनकी नागरिकता को लेकर विवाद निराधार है। जबकि भाजपा ने इसके सहारे राहुल गांधी की पूरी शक्सियत को संदेहास्पद बताया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सारे आरोप सत्यापित दस्तावेजों के आधार पर लगाए गए हैं और उसकी सत्यता से कोई इन्कार नहीं कर सकता है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में भी 2015 में जनहित याचिका दाखिल की थी। लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने 2017 में गृह मंत्रालय से शिकायत कर आरोपों की जांच की मांग की थी। पिछले दिनों उन्होंने गृह मंत्रालय को फिर से राहुल गांधी के खिलाफ आरोपों की जांच का अनुरोध किया था। इसके बाद गृह मंत्रालय ने नोटिस जारी किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *