मिसालः बेटी की बरात का स्वागत करने के बजाय जंगल में भड़की आग बुझाने में जुटे लोग

गोपेश्वर I पहाड़ में जहां कुछ असामाजिक तत्व जंगलों को आग की भेंट चढ़ा रहे हैं, वहीं कुछ लोग आज भी जंगलों के प्रति समर्पित हैं। दशोली ब्लॉक के ठेली गांव के लोगों ने बेटी की बरात के स्वागत की तैयारी बीच में छोड़कर जंगल की आग बुझाने में जुट गए।
करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने जंगल की आग पर काबू पा लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने शादी समारोह में शामिल होकर बेटी को विदा किया। शनिवार को दशोली विकासखंड के ठेली गांव में बेटी की शादी थी। शनिवार को गांव में बरात आनी थी। सारा गांव बेटी की बरात के स्वागत की तैयारियों में जुटा हुआ था।
करीब 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पाया आग पर काबू
अचानक सुबह 10 बजे करीब गांव के ऊपर स्थित जंगल में आग लग गई। जंगल में आग लगने की सूचना पर ग्रामीण शादी की तैयारियों को बीच में छोड़ कर जंगल की आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े। करीब 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने आग जंगल की आग पर काबू पा लिया।

हालांकि इस दौरान वन विभाग के कर्मचारी भी पहुंच चुके थे। जंगल की आग बुझाने के बाद ग्रामीण शादी में शामिल हुए और बेटी की विदाई की। प्रधान सुरेंद्र रावत ने बताया कि ग्रामीणों ने जंगल के पेड़ों की रक्षा अपने बच्चों की तरह की है। आग बुझाने में दलबीर, धनबीर जीत, देवेंद्र, नारायण सिंह, ज्ञान सिंह, जमुना देवी, शांता देवी, कमला देवी, अंबी देवी, बीना, माघी देवी, अनीता देवी आदि शामिल थे।

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