देहरादून I उत्तराखंड में आज कोरोना संक्रमण के 54 नए मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा 32 मामले नैनीताल में मिले हैं। इसके साथ ही अब प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 298 पहुंच गई है। अपर सचिव युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आज प्रदेश 943 सैंपल निगेटिव पाए गए हैं। जबकि 1120 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। 56 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। वहीं, प्रदेश में तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन तीनों की ही मौत का कारण कोरोना नहीं था। अन्य कारणों से मरीजों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, आज आए मामलों में अल्मोड़ा में पांच, चमोली में तीन, चंपावत में एक, देहरादून में सात, नैनीताल में 32, पौड़ी में एक, टिहरी में तीन और ऊधमिसंह नगर में एक मामला सामने आया है। वहीं, एक मामला निजी लैब में पॉजिटिव पाया गया है।
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पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार
नैनीताल में दो दिन के अंदर 117 केस सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में भी हहड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि उत्तराखंड में शनिवार को एक ही दिन में 91 कोरोना मरीज सामने आए थे। वहीं अब राज्य कोई भी जिला कोरोना संक्रमण से अछूता नहीं रह गया है।
जिलेवार संक्रमित मरीजों की आंकड़ा
जिला संक्रमित मरीज
देहरादून 71
हरिद्वार 14
उत्तरकाशी 10
अल्मोड़ा 12
चंपावत 08
टिहरी 09
बागेश्वर 06
पौड़ी 07
रुद्रप्रयाग 03
पिथौरागढ़ 02
चमोली 04
नैनीताल 117
ऊधमिसंह नगर 35
संक्रमण में नैनीताल ने देहरादून को पीछे छोड़ा
कोरोना संक्रमण के मामले में नैनीताल ने देहरादून को पीछे छोड़ दिया है। शनिवार को संक्रमण में बने नए रिकॉर्ड से नैनीताल जनपद प्रदेश में नंबर वन पर आ गया है। पूरा प्रदेश कोरोना की चपेट में आने से सोमवार को कई जिलों की ऑरेंज और ग्रीन जोन की श्रेणी बदल सकती है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण पहला संक्रमित मामला दून में 15 मार्च को मिला था। बीते शुक्रवार तक देहरादून संक्रमित मामलों के आधार पर सबसे आगे था, लेकिन शनिवार को नैनीताल जिले में एक दिन में 57 कोरोना संक्रमित मिलने से देहरादून पीछे छूट गया है। वहीं, आज 32 मामले आए हैं। नैनीताल में कुल संक्रमितों की संख्या 117 पहुंच गई है, जबकि देहरादून में यह संख्या 71 पर पहुंच गई है।
ये जिले हैं ग्रीन और ऑरेंज जोन में
वर्तमान में प्रदेश के सात जिले हरिद्वार, टिहरी, चंपावत, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ व चमोली ग्रीन जोन में है। जबकि देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी और उत्तरकाशी जिला ऑरेंज जोन में है। प्रदेश का कोई भी जिला रेड जोन में नहीं है।
कोरोना संक्रमण की दर, डबलिंग रेट, प्रति लाख सैंपल जांच, सर्विलांस के आधार पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन तय किया जाएगा। अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि सोमवार को जोन को लेकर जिलों की समीक्षा की जाएगी। केंद्र की ओर से तय मानकों के आधार पर जिलों के जोन तय किए जाएंगे।
प्रदेश में कोविड से नहीं हुई कोई मौत:सीएम
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत ने राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में कोविड-19 संबंधी कार्यों, आवश्यकता और तैयारियों की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अभी तक 2 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है, लेकिन उनकी मौत की वजह कोविड नहीं था, वह दूसरी बीमारियों से मरे।
रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और स्वास्थ्य एवं वित्त सचिव अमित नेगी के साथ श्रीनगर मेडिकल पहुंचे। यहां उन्होंने सभागार में प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक की शुरुआत करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीएम रावत ने प्रोजेक्टर के माध्यम से कोविड -19 से बचाव और कोविड जांच की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।
उन्होंने बताया कि कोविड जांच लैब में 3 मई से अब तक पौड़ी, टिहरी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के 670 नमूनों की जांच हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड 19 सिर्फ बीमारी ही नहीं है। बल्कि इस महामारी का असर धीरे-धीरे समाज में आएगा। इसलिए सभी को हर तरह से तैयार रहना होगा। आज से 5 दिन पहले कम कोरोना पॉजिटिव के चलते उत्तराखंड अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में था। लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र हरियाणा व राजस्थान आदि प्रदेशों से प्रवासी आने से चुनौती बढ़ गई है। लेकिन हमारा प्रदेश कोरोना से निपटने में निश्चित रूप से सफलता हासिल करेगा।
इसके लिए हमारी टीम और हमारी रणनीति बेहतर हो। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए की बाहर से आने वाले लोगों का मानकों के अनुसार परीक्षण हो। सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था हो। जो कोरोना पॉजिटिव नियमों का उल्लंघन करें, उनके खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज किया जाए। किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर शासन को अवगत कराया जाए।
सचिव वित्त नेगी ने बताया कि छोटे-छोटे कार्य एचओडी स्वयं करा सकते हैं। इसके लिए 20 लाख रुपये तक के वित्तीय अधिकार दिए गए हैं। उनछ्होंने डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल को जिला योजना के तहत भी बेस अस्पताल में कार्य करवाने के निर्देश दिए। प्राचार्य प्रो. रावत ने चिकित्सालय व्यवस्था और बाहरी सुरक्षा संबंधी मांग की। बैठक में सीएमओ डॉ. मनोज बहुखंडी, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, सीडीओ हिमांशु खुराना और मेडिकल कॉलेज के वित्त नियंत्रक विवेक स्वरूप आदि मौजूद थे।