नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण पर अमेरिका समेत कई देशों से उठ रहे सवालों के बीच चीन जवाब देते हुए कहा है कि वायरस को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिशों का वो जवाब देगा. इतना ही नहीं चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पूरे तेवर के साथ कहा कि अब यह 100 साल पुराना चीन नहीं है और 140 करोड़ लोगों की रफ्तार का रास्ता नहीं रोका जा सकता.
बीजिंग में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के 13वें अधिवेशन के बाद मीडिया से रूबरी वांग यी ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जिम्मेदारी तय करने और हर्जाना वसूल करने की कोशिशों को भी बेकार करार दिया. एक सवाल के जवाब में यी का कहना था कि चीन कोरोना का पीड़ित देश है. उसपर जिम्मेदारी तय करना और हर्जाना वसूल करने की कोशिशें बेकार हैं. इनका न तो कोई आधार है और न ही कोई अंतराष्ट्रीय परंपरा.
चीनी विदेश मंत्री के मुताबिक कुछ लोग तथाकथित हर्जाने के नाम पर सबूतों को गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. इन लोगों के पास न तो कोई ठोस आधार है न कानूनी तर्क और न ही मानवीयता. मगर ध्यान रहे कि यह 100 साल पुराना चीन नहीं है और न ही यह पुरानी शताब्दि है.
अमेरिका के साथ रिश्तों के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्री ने कहा दुनिया के सबसे विकसित और सबसे बड़े विकासशील देश के बीच काफी साझेदारी है.अमेरिका के कई लोगों और संगठनों ने चीन को कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान मदद पहुंचाई. वहीं दुनिया में इस समय सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका को चीन ने 11 अरब मास्क सप्लाई किए हैं यानी प्रत्येक अमेरिकी के लिए 40 मास्क. हालांकि बीते कुछ दिनों में दोनों देशों के बीच एक शीतयुद्ध लगाने की कोशिश हो रही है. ऐसे में बेहतर होगा कि इसके खत्म करने पर ध्यान दिया जाए.
महत्वपूर्ण है कि बीते दिनों अमेरिका के कुछ प्रांतों में चीन के खिलाफ कोरोना वायरस संक्रमण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए नुकसान की भरपाई के मुकदमे दाखिल किए गए. मिसूरी अमेरिका का पहला ऐसा राज्य था जहां अप्रैल 21 को कोरोना वायरस से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दावा दाखिल किया था. इसके मुताबिक चीन ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किया. इसके कारण मिसूरी के लोगों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. इसी तरह मिसिसिपी के अटॉर्नी ने भी चीन से हर्जाने की मांग करते हुए मुकदमा दाखिल किया जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.
अमेरिका के रिपब्लिकन सिनेटर जोश हॉवले, अराकान्स के सिनेटर टॉम कॉटन्स, टेक्सास के रिपब्लिकन डेन क्रेनशॉ आदि ने भी विधायी प्रस्ताव बढ़ाए जो चीन के खिलाफ हर्जाना दावों का दरवाजा खोलते हैं. हालांकि चीन ने भी इन लोगों के खिलाफ जवाबी प्रतिबंध की कार्रवाई करते हुए अमेरिका के कुछ प्रांतों से आयात रोकने के संकेत दिए.
प्रेस कांफ्रेंस के बहाने चीनी विदेश मंत्री ने बेल्ट एंड रोड परिजोयना के भविष्य पर उठ रहे सवालों को जहां कम करने की कोशिश की वहीं निवेश बढ़ाने का भी वादा किया. वांग यी के मुताबिक बीते सात सालों में चीन ने बेल्ट एंड रोड के तहत 138 देशों में 2000 परियोजनओं पर काम शुरु किया है. इस दौरान इन मुल्कों के साथ चीन के कारोबार में 7.8 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. साथ ही इन साझेदार देशों में चीन का निवेश 110 अरब ड़ॉलर रहा है. यी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान भी चीन के बेल्ट एंड रोड निवेश में 11.7 फीसद की बढ़ोतरी पहली तिमाही में दर्ज की गई.