अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल पर भी संतों में असहमति

लखनऊ: राम मंदिर ट्रस्ट के बाद अब राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल पर भी संतों में असहमति और मतभेद गहरा गया है. रामालय ट्रस्ट के ‘सोने के मंदिर’ के प्रस्ताव पर शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती और विहिप ने ऐतराज़ जताया है. वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा ‘केन्द्र सरकार का ट्रस्ट ही मंदिर का निर्माण करे, मंदिर वर्तमान मॉडल पर ही बने’. 1989 के कुंभ में देवरहा बाबा समेत संतों ने इस मॉडल को स्वीकार किया था.

इससे पहले रामालय ट्रस्ट के सचिव और शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती के उत्तराधिकारी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि रामलला तिरपाल में बैठे हैं और मंदिर बनने में अभी काफी समय लगेगा इसलिए देश के संत-महंतों के साथ विचार-विमर्श कर निर्णय लिया गया है कि भव्य मंदिर बनने से पहले एक सोने का विशालतम मंदिर बनवाकर रामलला को वहां विराजमान कर दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला को दे दी है. जिसके बाद राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह मंदिर निर्माण के लिए तीन महीनों के अंदर एक ट्रस्ट बनाए. अब सवाल ये उठता है कि प्रस्तावित राम मंदिर कैसा होगा. उसे क्या स्वरूप दिया जाएगा. मंदिर के अंदर कैसी मूर्तियां होंगी. तो आइए हम आपको बताते हैं…

ऐसा हो सकता है प्रस्तावित राम मंदिर….

राम मंदिर कार्यशाला में हुई बातचीत के आधार पर प्रस्तावित राम मंदिर 2 मंजिला होगा, 128 फीट उंचा, 268 फीट लंबा, 140 फीट चौड़ा होगा. मंदिर निर्माण में कहीं भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. मंदिर में नींव भी नही होगी, न ही लोहे छड़ का इस्तेमाल किया जाएगा. हर मंजिल पर 106 खंभे होंगे. जिसमें से पहली मंजिल के खंभे 14.5 फीट के होंगे और ग्राउंड फ्लोर के खंभे 16 फीटे के होंगे. हर खंभे पर 16 मूर्तियां होंगी.

खंभे के ऊपर तीन फीट मोटी पत्थर की बीम होगी और बीम के ऊपर 1 फीट मोटी चादर होगी. मंदिर की दीवारें 6 फीट मोटे पत्थरों से बनाई जाएंगी. मंदिर के चौखट को बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया जाएगा. मंदिर के पहली मंजिल पर राम दरबार होगा और ग्राउंड फ्लोर पर खुद रामलला होंगे. ग्राउंड फ्लोर पर 10फीट चौड़ा परिक्रमा स्थल भी होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *