वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने दोनों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने वाले जमातियों को प्रदेश में लगातार चिन्हित किया जा रहा है, लेकिन कई जमाती दिल्ली से लौटने के बाद घरों में छिपे हैं। पुलिस लगातार जमातियों से सामने आने की अपील कर रही है। बावजूद इसके कई जमाती सामने नहीं आ रहे हैं।
इस पर डीजीपी अनिल रतूड़ी ने चेतावनी दी थी कि छह अप्रैल के बाद ऐसे जमातियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। इसके बाद कई जमाती सामने आए। वहीं, चेतावनी के बावजूद रुड़की के दो जमाती घरों में ही छिपे रहे। इन दोनों ने पुलिस को अपने जमात से लौटने की कोई जानकारी नहीं दी।
एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि रुड़की के ईमली रोड निवासी हाजी नसीर अहमद दस मार्च को निजामुद्दीन मरकज में गए थे। यहां वह 12 मार्च तक दिल्ली में रहे। इतना ही नहीं कोरोना पॉजीटिव पाए गए पनियाला गांव निवासी युवक के साथ भी हाजी नसीर दिल्ली में रहे। हाजी नसीर अहमद कोरोना पॉजीटिव युवक के रिश्तेदार भी हैं। 12 मार्च के बाद वे अपने घर लौटे थे।
संपर्क में आने वाले किए जा रहे चिन्हित
दोनों के खिलाफ (आईपीसी 307) हत्या का प्रयास, (आईपीसी 336) किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो वह काम करना और धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया है। एसपी देहात ने बताया कि दोनों को क्वारंटीन किया गया है। इनके परिजनों को भी होम क्वारंटीन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों के सैंपल लेकर जांच को भेजे हैं।
एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि दोनों जमातियों के संपर्क में आने वाले लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है। साथ ही इनके परिजनों के संपर्क में जो लोग आए हैं, उनकी भी पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि जो लोग जमातियों की सूचना पुलिस को देंगे उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।