उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने सोमवार को 16 सूत्रीय मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया। वर्षा के बीच प्रदेशभर से आए बेरोजगार युवा गांधी पार्क से सचिवालय के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। जिस पर पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। प्रदर्शनकारी युवा वहीं धरने पर बैठ गए। बाद में उन्होंने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। बता दें, प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई धांधली की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर बेरोजगार संघ के सदस्य पिछले 228 दिन से एकता विहार में धरने पर बैठे हैं।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाबी पंवार ने कहा कि मुख्यमंत्री युवाओं को रोजगार देने का वादा कर रहे हैं, जबकि सच यह है कि कई भर्तियां वर्षों से अधर में लटकी पड़ी हैं। जो परीक्षाएं हुईं उनमें भी पूरी नियुक्तियां नहीं हुई हैं। सभी मांगों पर तत्काल कार्यवाही की जाए अन्यथा उग्र आंदोलन होगा।
उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि प्रदेश के युवा लंबे समय से विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। विज्ञापन व परीक्षाओं का इंतजार कर रहे हैं। कई बार सचिवालय में बैठे अधिकारियों से भी मुलाकात की जा चुकी है, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता। इस दौरान उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश सह-संयोजक सुशील कैंतुरा, सचिव नितिन दत्त, प्रदेश प्रवक्ता सुरेश सिंह, कार्यकारिणी सदस्य बिट्टू वर्मा, विशाल चौहान, अखिल तोमर, जसपाल चौहान और युवराज सिंह मौजूद रहे।
बेरोजगार संघ की यह मांगे
पुलिस सिपाही भर्ती, कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा व पुलिस दूरसंचार परीक्षा की प्रतीक्षा सूची जारी की जाए
– पुलिस सब इंस्पेक्टर, सहायक अध्यापक, प्रवक्ता, एपीएस, विधानसभा भर्ती, पुलिस सिपाही भर्ती व पीसीएस आदि भर्तियों की विज्ञप्ति जारी हो
– कर्मशाला अनुदेशक, वाहन चालक, सहायक लेखाकार, स्नातक स्तरीय परीक्षा व स्टेनोग्राफर परीक्षाओं के परिणाम जारी किए जाएं।
– वन दरोगा, पटवारी, वन आरक्षी 2018, सहायक अध्यापक (पीएच) आदि भर्तियों में तत्काल नियुक्तियां दी जाएं।
– यूकेएसएसएससी और यूकेपीएससी की ओर से कराई जाने वाली सभी भर्तियों में संघ लोक सेवा आयोग के नियम 16 (4) को लागू कर प्रतीक्षा सूची जारी करने का नियम लागू हो।
– आगामी पुलिस सिपाही व पुलिस दारोगा भर्ती में तत्काल आयु सीमा बढ़ाई जाए।
– उत्तराखंड महिला होमगार्ड भर्ती की निष्पक्ष जांच।
– धांधली की भेंट चढ़ी सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआइ जांच हो।
– कोविड-19 कर्मचारियों को तत्काल नियुक्ति दी जाएं।