पृथ्वी से 60 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा लघुग्रह, धरती पर नहीं आने वाला है कोई प्रलय

नैनीताल : कोरोना संक्रमण से इन दिनों दुनिया दहशत में है। वहीं दूसरी ओर एक विशाल लघुग्रह के धरती के पास से गुजरने का डर लोगों को सता रहा है। लघुग्रह 29 अप्रैल यानी कल मंगलवार को धरती के करीब से गुजरेगा । लेकिन निश्चिंत रहें, डरने की कोई बात नहीं है। लघुग्रह पृथ्वी से 60 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। ऐसे में पृथ्वी पर प्रलय और सुनामी की कोई आशंका नहीं है। खासकर सोशल मीडिया की अफवाहों पर बिल्कुल धन न दें। यह जानकारी आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज नैनीताल के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे ने दी है। बता दें कि इस समय सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर लघुघ्रह के पृथ्वी के टकराने और प्रलय आने जैसी बेतुकी खबरें चल रही हैं। जिससे इसको लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। वैज्ञानिकों ने लघुग्रह के पृथ्वी के टकराने की आशंका को पूरी तरह से खारिज किया है। 

धरती से काफी दूर होकर गुजरेगा लघुग्रह 

धरती के करीब आ रहा लघुग्रह का आकार करीब चार किमी माना जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम 52768 व 1998 ओआर-2 दिया है। इसकी कक्षा चपटी है। इसकी खोज 1998 में हो गई थी। तभी से इस पर वैज्ञानिक लगातार अध्ययन कर रहे हैं। सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 1344 दिन का समय लग जाता है।  यह जितना विशाल है, यदि धरती से टकरा गया तो इसमें जरा भी संदेह नहीं कि महाविनाश ला सकता है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। जब यह पृथ्वी के करीब से गुजरेगा तो धरती व इसके बीच की दूरी 63 लाख किमी की होगी।

यही ग्रह 2197 में धरती के पास से गुजरेगा

यूं तो धरती से लघुग्रह की दूरी 63 लाख किमी बहुत अधिक नहीं मानी जाती है फिर इसके धरती से टकराने की आशंका दूर दूर तक नहीं है। लिहाजा इन दिनों इंटरनेट व सोशल मीडिया में चल रही अफवाहें निराधार हैं। भविष्य में यह ग्रह इससे भी बहुत करीब से होकर गुजरेगा। वैज्ञानिकों ने इसकी गणना भी कर ली है। यह लघुग्रह जब 2197 में धरती के करीब पहुंचेगा तब इसकी दूरी धरती से 18 लाख किमी होगी। तब भी इसके धरती से टकराने की संभावना नहीं बनती। 

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