नई दिल्ली I भारत-पाकिस्तान के बीच आसमान में वार-पलटवार के बीच बहस के केंद्र में लड़ाकू विमान एफ-16 है. पाकिस्तान इस बात को सीना ठोंककर कह रहा है कि उसने भारतीय एयरस्पेस में जाकर अटैक किया, लेकिन वो ये बात मानने को बिल्कुल राजी नहीं है कि उसने इस ऑपरेशन में लड़ाकू विमान F-16 का इस्तेमाल किया. जबकि भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को बाकायदा सबूत देकर यह साबित कर दिया कि भारत की सीमा में पाकिस्तान ने जो विमान भेजे थे, उनमें एफ-16 शामिल था. अब सवाल ये है कि आखिर एफ-16 को लेकर इतनी बहस क्यों है और पाकिस्तान इस विमान के भारत में आने से इनकार क्यों कर रहा है?
दरअसल, पाकिस्तान की इस अस्वीकार्यता के पीछे अमेरिका की वो शर्तें हैं, जो एफ-16 विमान से जुड़ी हैं. ये वो लड़ाकू विमान है जिसे अमेरिका ने आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पाकिस्तान को दिया था. लेकिन अब पाकिस्तान इससे आतंकियों को ही बचाने में लग गया है.
F-16 के लिए अमेरिका के नियम
एफ-16 अमेरिका में बना लड़ाकू विमान है, और इसमें लगने वाली एमरॉम मिसाइल भी अमेरिका में ही बनती है. अपने इस विमान के इस्तेमाल के लिए अमेरिका की शर्तें होती हैं. पाकिस्तान को ये विमान इस शर्त के साथ दिया गया था कि वो बिना अमेरिका की परमिशन के किसी टकराव में इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है. यानी किसी दूसरे देश पर आक्रमण के लिए इसे पाकिस्तान इस्तेमाल नहीं कर सकता है. आतंक के खिलाफ एक्शन लेने के लिए ही पाकिस्तान इस विमान का इस्तेमाल कर सकता है.
माना जा रहा है कि यह सबसे बड़ी वजह है जिसके चलते पाकिस्तान अपने दुस्साहस की गाथा तो पूरी दुनिया को बताने के कोशिश कर रहा है, लेकिन साथ ही एफ-16 विमान द्वारा अटैक की बात सिरे से नकार रहा है. पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने 27 फरवरी को अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि जिस फाइटर एफ-16 को गिराने का दावा भारत कर रहा है, वह इस मिशन का हिस्सा ही नहीं था.
भारत ने बताया सैन्य ठिकानों पर हमला
26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में भारत की एयरफोर्स ने जो स्ट्राइक की, वो जैश आतंकियों के ठिकानों पर थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में इस कार्रवाई को खुफिया इनपुट के आधार आतंक के खिलाफ एक्शन करार दिया. जबकि पाकिस्तान ने अगले ही दिन जम्मू-कश्मीर के राजौरी में अपने फाइटर विमान भेजकर भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. भारत सरकार ने 27 फरवरी को दिए अपने बयान में साफ कहा है कि आंतक के खिलाफ भारत की कार्रवाई का जवाब पाकिस्तान ने सैन्य ठिकानों पर अटैक कर दिया है, जो नियमों का उल्लंघन है.
पाकिस्तान के इसी दुस्साहस का पर्दाफाश करने के लिए दोनों देशों में एफ-16 को लेकर चर्चा है. पाकिस्तान लगातार इस विमान को लड़ाई में भेजने से मना कर रहा है, जबकि भारतीय वायुसेना के एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर ने एफ-16 में लगने वाले एमरॉम मिसाइक का टुकड़ा दिखाकर यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान ने आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई का जवाब देने के लिए उस विमान का इस्तेमाल किया है, जो अमेरिका ने उसे आतंकवाद से लड़ने के लिए दिया था. अब देखना है भारत के सबूत के अमेरिका इस दिशा में क्या कार्रवाई करता है.