देहरादून I शहरी विकास मंत्रालय के स्वच्छ सर्वेक्षण में उत्तराखंड ने स्वच्छता की बजाय गंदगी की ओर कदम बढ़ाए हैं। देश में उत्तराखंड गत वर्ष के साफ-सफाई में 12वें स्थान से खिसककर इस साल 19वें स्थान पर पहुंच गया है।
हालत यह है कि प्रदेश का एक भी निगम इस साल शीर्ष-250 शहरों में जगह नहीं बना पाया है। केवल गौचर नगर पालिका ने देश के पहले स्वच्छ गंगा शहर का तमगा हासिल कर राज्य की लाज बचाई है।
बुधवार को जारी स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 की रैंकिंग में उत्तराखंड के सभी निगम, पंचायत, कैंटोंमेंट बोर्ड की रैंक गिर गई। प्रदेश के सबसे साफ-सुथरे शहर में शुमार रुड़की को 281वीं रैंक मिली है, जबकि 308वीं रैंक के साथ काशीपुर दूसरे, 350वीं रैंक के साथ हल्द्वानी तीसरे स्थान पर रहा।
376वीं रैंक के साथ हरिद्वार चौथे, 384वीं रैंक के साथ देहरादून पांचवें और 403 रैंक के साथ रुद्रपुर को छठा स्थान मिला। वहीं, गौचर नगर पालिका परिषद पूरे देश में सबसे साफ गंगा टाउन में शुमार हुआ। जबकि दूसरे स्थान पर झारखंड की राजमहल नगर पंचायत शामिल रही। तीसरे स्थान पर भी झारखंड की साहिबगंज नगर परिषद काबिज रहा।
स्वच्छ सर्वेक्षण की नॉर्थ जोन रैंकिंग में मुनिकी रेती 53वीं, अगस्तयमुनि 60वीं और गौचर 70वीं रैंक के साथ नगर पालिका-परिषद शीर्ष 100 रैंक में शामिल रहे। यदि कैंटोमेंट बोर्ड की बात करें तो प्रदेश में अल्मोड़ा कैंटोमेंट बोर्ड इस साल 11वें स्थान पर चला गया जो कि गत वर्ष देश में दूसरे स्थान पर था। इसी प्रकार रानीखेत छावनी परिषद तीसरे स्थान से खिसककर 13वें और देहरादून कैंट बोर्ड 18वें स्थान से खिसककर 19वें स्थान पर पहुंच गया है।