भाजपा ‘संकल्प पत्र’ 2019 : राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और नागरिकता संशोधन विधेयक पर ये हैं वादे

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को ‘संकल्प पत्र’ नाम से अपना घोषणापत्र जारी किया। इस घोषणापत्र में भाजपा ने राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, आतंकवाद, किसानों के कल्याण, राम मंदिर और अनुच्छेद 370 सहित कई मुद्दों पर अपना नजरिया पेश किया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘संकल्प पत्र’ को पेश करते हुए कहा कि यह नए भारत का निर्माण करने वाला है। भाजपा ने अपने ‘संकल्प पत्र’ में किसानों एवं छोटे दुकानदारों को 60 साल के बाद पेंशन देने का वादा भी किया है।भाजपा के इस घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 समाप्त करने और समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कोई समय सीमा नहीं बताई गई है। भाजपा ने कहा है कि वह 2022 तक गांवों को इंटरनेट से जोड़ेगी। खास बात यह है कि एनडीए के पांच साल के शासनकाल में कितने लोगों को रोजगार मिला इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया है। आइए जानते हैं कि भाजपा ने इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर क्या कहा है-
राम मंदिर 
‘राम मंदिर पर भाजपा अपना रुख दोहराती है। संविधान के दायरे में अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण के लए सभी संभावनाओं को तलाशा जाएगा और इसके लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।’

अनुच्छेद-370
‘पिछले पांच वर्ष में हमने निर्णायक कार्रवाई और एक दृढ़ नीति के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए हैं। राज्य के सभी क्षेत्रों के विकास में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और राज्य के हर क्षेत्र के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्ध्ता सुनिश्चित करने के लए हम प्रतिबद्ध हैं। हम जनसंघ के समय से अनुच्छेद 370 के बारे में अपने दृष्टिकोण को दोहराते हैं।’

अनुच्छेद-35A
‘हम धारा 35ए को भी खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि धारा 35ए जूम्मू-कश्मीर के गैर-स्थायी निवासियों और महिलाओ के खिलाफ भेदभावपूर्ण है। यह धारा जूम्मू-कश्मीर के विकास में भी बाधा है। राज्य के सभी निवासियों के लिए एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लए हम सभी कदम उठाएंगे। हम कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेंगे और हम पश्चिमी पाकिस्तान, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और छंब से आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।’

आतंकवाद  
‘हमारी सुरक्षा नीति केवल हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा विषयों द्वारा निर्देशित होगी। इसके उदाहरण हाल ही में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक हैं। हम आतंकवाद एवं उग्रवाद के विरूद्ध ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को पूरी दृढ़ता से जारी रखेंगे और सुरक्षाबलों को आतंकवाद का सामना करने के लिए ‘फ्रीहैंड’की नीत का अनुसरण करते रहेंगे।’

सीमा सुरक्षा
‘हम अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में विकासात्मक और आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर विशेष ध्यान देंगे, जिससे कि ये क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने में और भी अधिक मजबूती से योगदान करने के साथ-साथ, अन्य क्षेत्रों के बराबर, देश की उत्तरोत्तर प्रगति से पूरी तरह और भी अधिक लाभ ले सकें।’

समान नागरिक संहिता
‘भारत के संविधान 44 में समान नागरिक संहिता राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के रूप में दर्ज की गई है। भाजपा का मानना है कि जब तक भारत में समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता है, तब तक लैंगिक समानता कायम नहीं हो सकती है। समान नागरिक संहिता, सभी महलाओं के अधिकारों की रक्षा करती है। भाजपा सर्वश्रेष्ठ परंपराओं से प्रेरित समान नागरिक संहिता बनाने को कटिबद्ध है जिसम उन परंपराओं को आधुनिक समय की जरूरत के मुताबिक ढाला जाए।’
घुसपैठ
‘घुसपैठ से कुछ क्षेत्रों के सांस्कृतिक और भाषाई पहचान में भारी परिवर्तन हुआ है और स्थानीय लोगों की आजीवका तथा रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे में प्राथमिकता पर एनआरसी का कार्य किया जाएगा। देश में चरणबद्ध तरीके से चिन्हित करके इसे लागू करगें।’

किसानों की आय
‘भाजपा सरकार के वर्तमान कार्यकाल के प्रारंभ में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने को मिशन के रूप में लिया। हम इस लक्ष्य को 2022 तक पूरा करने के लिए सभी प्रयास करेंगे।’ 

सैनिक कल्याण 
‘हमारी सरकार ने लंबे समय से लंबित ‘वन रैंक वन पेंशन’को लागू कर सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के हित के प्रति अपने संकल्प को प्रतिबद्धता से पूरा कया। इस संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हम अपने सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के पुनर्वास के लिए अधिक भावी ढांचा तैयार करने का वादा करते हैं। इस प्रयास के अंतर्गत सशस्त्र बल के सैनिकों के सेवानिवृत्त होने से तीन वर्ष पूर्व उनके पसंद के अनुसार ही उनके पुनर्वास की योजना आरंभ कर देंगे।’

नागरिकता संशोधन विधेयक
‘हम पड़ोसी देश के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (सीएबी) को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम पूर्वोत्तर राज्यों से उन वर्गों के लिए मुद्दों को स्पष्ट करने के लिए सभी प्रयास करेंगे, जिन्होंने कानून के बारे में आशंका व्यक्त की है। हम पूर्वोत्तर के लोगों की भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।’

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