नई दिल्ली : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मौत गला दबाने और मुंह एवं नाक बंद करने के चलते दम घुटने से हुई थी। शव परीक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां एम्स में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने बृहस्पतिवार को हत्या का एक मामला दर्ज किया और यह मामला जांच के लिए अपराध शाखा के पास भेज दिया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पांच वरिष्ठ चिकित्सकों के एक मेडिकल बोर्ड ने शव परीक्षण किया। एम्स फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ सुधीर गुप्ता ने बताया कि मेडिकल बोर्ड सर्वसम्मति से इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इस मामले में गला दबाने और मुंह एवं नाक बंद करने के चलते दम घुटने से मौत हुई है। यह अचानक से हुई अस्वभाविक मौत है, जो हत्या की श्रेणी में आता है।
अधिकारी ने बताया कि यह मामला अपराध शाखा के पास भेज दिया गया है और उसने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि अपराध शाखा के अधिकारी शुक्रवार को रोहित तिवारी के आवास पर गये और उनके परिजनों तथा घरेलू सहायकों से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों का एक दल भी उनके घर गया।
पुलिस ने कहा कि अधिकारी इस घटना से जुड़े सुराग जुटाने, घटनाक्रम का पता लगाने तथा घर में प्रवेश करने वाले लोगों की जानकारी हासिल करने के लिए घर के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरों से फुटेज खंगाल रहे है। गौरतलब है कि रोहित शेखर तिवारी की मंगलवार को मौत हो गई थी। उन्हें दक्षिण दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में मृत हालत में लाया गया था।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) विजय कुमार ने बताया कि दक्षिण दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी निवासी रोहित को शाम करीब पांच बजे अस्पताल लाया गया और चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रोहित 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे और उन्होंने हाल ही में संकेत दिया था कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि रोहित के पिता नारायण दत्त तिवारी की पिछले साल 18 अक्टूबर को मृत्यु हो गई थी। वह 93 वर्ष के थे।