पौड़ी I उत्तराखंड के पौड़ी में रविवार को मानसून मैराथन का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में पुरुष, महिला व छात्र-छात्राओं के जूनयिर व सीनियर वर्ग में आयोजित की गई। जिले के प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल ने मैराथन का शुभारंभ किया।
सीनियर वर्ग ने सुबह कंडोलिया मैदान से दौड़ लगाना शुरू किया। शहर में पहली बार आयोजित मेराथन को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। मैराथन कंडोलिया से शुरू होकर कासखेत मोटर मार्ग से होते हुए रामलीला मैदान में संपन्न हुई
लेकिन इस दौरान वहां फैली अव्यव्स्थाओं को देखते हुए जूनियर वर्ग की प्रतियोगिता को रद्द कर दिया गया और 11 अगस्त को दोबारा आयोजित करने के लिए एलान किया गया। इसके बाद ही वहां छात्रों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। मंत्री व आयोजनकर्ताओं ने किसी तरह से प्रतिभागियों को समझाया।
विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोही बनीं मातृशक्ति की ताकत
विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोही शीतल मानसून मैराथन में मातृशक्ति की ताकत बनीं। शीतल ने इस दौरान बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश भी दिया। शीतल पिथौरागढ़ के सल्मोड़ा गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता चालक और माता गृहणी है। शीतल के दो छोटे भाई हैं। स्कूली शिक्षा के दौरान एनसीसी का हिस्सा बनना शीतल के जीवन को दिशा दे गया।
दार्जिलिंग व जम्मू कश्मीर में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लेने के बाद शीतल ने वर्ष 2018 में कंचनजंघा पर्वत पर तिरंगा फहरा विश्व की सबसे युवा पर्वतारोही बनकर गिनीज बुक आफ वर्ड रिकार्ड में स्थान बनाया।
इसके बाद विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह करने वाली व सबसे कम उम्र की उत्तराखंड की पहली युवा बनी। उन्होंने इसकी शुरुआत उत्तरकाशी के रुद्र गैरा ट्रैक पर ट्रेकिंग से की। शीतल ने सतोपंथ, त्रिशूल सहित अन्य कई पर्वत चोटियों पर तिरंगा फहराया है।
दार्जिलिंग व जम्मू कश्मीर में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लेने के बाद शीतल ने वर्ष 2018 में कंचनजंघा पर्वत पर तिरंगा फहरा विश्व की सबसे युवा पर्वतारोही बनकर गिनीज बुक आफ वर्ड रिकार्ड में स्थान बनाया।
इसके बाद विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह करने वाली व सबसे कम उम्र की उत्तराखंड की पहली युवा बनी। उन्होंने इसकी शुरुआत उत्तरकाशी के रुद्र गैरा ट्रैक पर ट्रेकिंग से की। शीतल ने सतोपंथ, त्रिशूल सहित अन्य कई पर्वत चोटियों पर तिरंगा फहराया है।

