देहरादून I भाजपा सरकार के एक दायित्वधारी की बत्ती गुल होगी। उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग एवं गोपन विभाग से मुख्यमंत्री के पास इसकी फाइल भेजी गई है। मुख्यमंत्री का इस पर अनुमोदन मिलते ही एक पद के विपरीत जिन दो लोगों को दायित्व दिया गया है, उनमें से एक दायित्वधारी का दायित्व समाप्त होगा।
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में उपाध्यक्ष के दो पद हैं। इन पदों में अनवार अहमद और पी सतीश जॉन में से अनवार अहमद का कार्यकाल समाप्त होने पर सात मार्च 2019 को सरकार की ओर से मजहर नईम नवाब और इसके अगले दिन आठ मार्च को सरदार इकबाल सिंह को आयोग में उपाध्यक्ष का पद स्वीकृत कर दिया।
विभागीय अधिकारी भी उस दौरान हैरान रह गए
एक खाली पद के सापेक्ष दो उपाध्यक्ष के पद स्वीकृत किए जाने से आयोग के अध्यक्ष और विभागीय अधिकारी भी उस दौरान हैरान रह गए, जब एक पद के विपरीत दो लोग पदभार ग्रहण कराने को कहने लगे। आयोग के अध्यक्ष डॉ.आरके जैन ने भी पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर पहले पदभार ग्रहण करने के लिए आने वाले सरदार इकबाल सिंह को पदभार ग्रहण करा दिया, लेकिन मजहर नईम नवाब पद खाली न होने से पदभार ग्रहण करने से वंचित रह गए।
बताया गया है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में आयोग में उपाध्यक्ष बने पी सतीश जॉन का कार्यकाल 20 जून 2020 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में मजहर नईम नवाब को आयोग में पद रिक्त न होने की वजह से कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा सका है।
बताया गया है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में आयोग में उपाध्यक्ष बने पी सतीश जॉन का कार्यकाल 20 जून 2020 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में मजहर नईम नवाब को आयोग में पद रिक्त न होने की वजह से कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा सका है।
मुख्यमंत्री के स्तर से लिया जाएगा फैसला
एक पद पर दो लोगों को दायित्व दिए जाने के मामले में गोपन विभाग की ओर से फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी गई है। मुख्यमंत्री के स्तर से इस पर निर्णय लिया जाना है।
-धीरेंद्र सिंह दत्ताल, अपर सचिव अल्पसंख्यक कल्याण
आयोग के एक्ट में उपाध्यक्ष के दो पद हैं। इनमें से एक पद पर पहले से उपाध्यक्ष कार्यरत हैं, इसके बावजूद दो लोगों को चार्ज दे दिया गया। जिन दो लोगों को दायित्व दिया गया, उनमें से एक पदभार ग्रहण कर चुके हैं। हमने शासन से कहा है कि मामले में स्थिति स्पष्ट की जाए। शासन से दिशा निर्देश मिलते ही उस पर अमल किया जाएगा।
-धीरेंद्र सिंह दत्ताल, अपर सचिव अल्पसंख्यक कल्याण
आयोग के एक्ट में उपाध्यक्ष के दो पद हैं। इनमें से एक पद पर पहले से उपाध्यक्ष कार्यरत हैं, इसके बावजूद दो लोगों को चार्ज दे दिया गया। जिन दो लोगों को दायित्व दिया गया, उनमें से एक पदभार ग्रहण कर चुके हैं। हमने शासन से कहा है कि मामले में स्थिति स्पष्ट की जाए। शासन से दिशा निर्देश मिलते ही उस पर अमल किया जाएगा।
-डॉ. आरके जैन, अध्यक्ष उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग