देहरादून I वन विभाग की ओर से वन दारोगाओं के 316 सीधी भर्ती के पदों को पदोन्नति से भरने के प्रस्ताव को शासन ने खारिज कर दिया है। वन विभाग की ओर से चयन वर्ष 2019-20 के लिए वन दारोगाओं के सीधी भर्ती के रिक्त पदों के सापेक्ष वन आरक्षियों की पदोन्नतियों से इन पदों को भरे जाने का शासनादेश जारी करने का आग्रह किया गया था।
करीब दो माह पहले ही वन विभाग की ओर वन दारोगाओं की सीधी भर्ती से भरने का अधियाचन उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजा गया था। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में भी वन विभाग की कोशिश है कि नियमावली में संशोधन किया जाए। वन आरक्षियों के 1218 पदों को अधीनस्थ सेवा आयोग के जरिये सीधी भर्ती से भरे जाने का मामले में भी नियमावली का पेच आड़े आ रहा था।
डेढ़ लाख युवाओं ने आवेदन किया था
नियमावली में संशोधन को कैबिनेट ने मंजूरी दी तो इन पदों को सीधी भर्ती से भरे जाने का रास्ता खुला। आयोग के सूत्रों के मुताबिक अभी तक वन विभाग की ओर से नियमावली में संशोधन के आधार पर नया प्रस्ताव आयोग को नहीं मिला है। इस परीक्षा के लिए करीब डेढ़ लाख युवाओं ने आवेदन किया था। मुश्किल यह थी कि नियमावली के तहत विभाग को पहले शारीरिक परीक्षा करानी थी।
शारीरिक परीक्षा से पहले लिखित परीक्षा कराने के नियमावली में संशोधन को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। बताया जा रहा है कि ठीक यही समस्या वन दारोगाओं की भर्ती में वन विभाग के सामने आ रही है। इसी को देखते हुए वन दारोगाओं के 316 पदों को पदोन्नतियों से भरने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। शासन ने इस प्रस्ताव को अविधिक करार दिया है।
शारीरिक परीक्षा से पहले लिखित परीक्षा कराने के नियमावली में संशोधन को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। बताया जा रहा है कि ठीक यही समस्या वन दारोगाओं की भर्ती में वन विभाग के सामने आ रही है। इसी को देखते हुए वन दारोगाओं के 316 पदों को पदोन्नतियों से भरने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। शासन ने इस प्रस्ताव को अविधिक करार दिया है।