सिस्टम सुस्त है, जनता डेंगू से पस्त है, बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

देहरादून I आमतौर पर डेंगू बुखार में लोगों में सबसे ज्यादा भय प्लेटलेट्स गिरने को लेकर रहता है। डॉक्टरों के मुताबिक, प्लेटलेट्स डेंगू से ही नहीं बल्कि और दूसरी बीमारियों से भी गिर सकते हैं। अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में विशेषज्ञों का इस बात पर भी जोर रहा कि प्लेटलेट्स को लेकर भ्रम की स्थिति को दूर किया जाए।

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नारायणजीत ने कहा कि प्लेटलेट्स को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। कई बार दूसरी बीमारियों की वजह से भी प्लेटलेट्स कम होने लगती हैं। सामान्य तौर पर मरीज इसे रिकवर कर लेता है। कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एनएस बिष्ट के मुताबिक, प्लेटलेट्स 15 हजार तक भी पहुंच जाएं तब भी घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनय राय ने बताया कि सामान्य डेंगू में 20 हजार प्लेटलेट्स होने पर भी घबराना नहीं चाहिए। ब्लीडिंग होने या ब्लड प्रेशर गिरने की स्थिति में मल्टी ऑर्गन फेल्योर और हैमरेजिक शॉक होने की स्थिति रहती है। ऐसे में प्लेटलेट्स 40 हजार तक आने पर प्लेटलेट्स चढ़ाना जरूरी हो जाता है। 

 

बुखार हो तो घबराएं नहीं, डाक्टर को दिखाएं 

संवाद कार्यक्रम में डेंगू बुखार के उपचार और प्लेटलेट्स को लेकर भ्रम की स्थिति को भी दूर करने पर डॉक्टरों का जोर रहा। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. विनय राय ने बताया कि डेंगू बुखार होने पर घबराने की जरूरत नहीं। बल्कि समय रहते योग्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है। आजकल अगर बुखार हो तो डॉक्टर को दिखाएं और खून की जांच कराएं। डॉक्टर की सलाह पर ही कोई दवा लें। डेंगू के बिगड़ने पर हेमरेजिक शॉक डेंगू होता है।
 
कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एनएस बिष्ट के मुताबिक बुखार होने पर योग्य डाक्टर को दिखाएं खूब पानी पिएं और तरल खाद्य पदार्थ लें। बुखार या डेंगू के दूसरे लक्षण पता लगे तो खुद दवा लेने के बजाय किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच कराएं। इसमें सामान्य तौर पर बुखार के लिए पैरासिटामॉल ली जाती है। 

केंद्रीय प्रतिष्ठानों के अस्पतालों की भी मदद ले सरकार 

डेंगू को लेकर जिस तरह का हा-हाकार मचा है और लोगों को इलाज के लिए बेड तो दूर स्ट्रेचर भी नहीं मिल पा रहे हैं, उसे देखते हुए सरकार को केंद्रीय प्रतिष्ठानों के अस्पतालों से भी मदद लेनी चाहिए। भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने कहा कि स्थिति इतनी खतरनाक हो गई है कि कई मरीज अस्पतालों में बेंचों पर लेटे हैं। कोई स्ट्रेचर के लिए झगड़ रहा है। तीन-चार अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद मायूस होकर लोग घर में ही उपचार कराने को मजबूर हैं।
 
ऐसे में उन्होंने सुझाव रखा। जुगरान ने बताया कि दून में केंद्र सरकार के 43 प्रतिष्ठानों के दफ्तर हैं। इन सभी की यहां पर अपने अस्पताल और डिस्पेंसरियां हैं। वर्तमान में हालात की गंभीरता को देखते हुए सरकार को यह व्यवस्था करानी चाहिए कि इन अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में आम आदमी को भी इलाज की सुविधा मिल सके। इसके लिए मुख्यमंत्री को तत्काल केंद्र से बात करनी चाहिए। जुगरान ने कहा कि वे खुद भी इस बारे में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन लिख चुके हैं। कार्यक्रम में मौजूद अन्य मेहमानों ने भी इसका समर्थन किया।

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