दरअसल, अमित शाह एक टीवी कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में ऑटो सेक्टर की टॉप कंपनियों में शुमार बजाज ऑटो के चेयरमैन राहुल बजाज भी मौजूद थे. प्रश्न-उत्तर का दौर चल रहा था. तभी राहुल बजाज खड़े हुए और साध्वी प्रज्ञा का जिक्र करते हुए उन्होंने अमित शाह से सवाल कर दिया.
उन्होंने कहा कि मैं यहां प्रशंसा करने के लिए नहीं हूं. आप इसे पसंद नहीं करेंगे, लेकिन मेरा नाम जवाहरलाल नेहरू ने रखा था. राहुल बजाज ने आगे कहा कि यूपीए सरकार में किसी को भी गाली दे सकते थे. आपके खिलाफ बोलने से लोग डरते हैं. आप काम कर रहे हैं, तो फिर लोगों को बोलने की आजादी क्यों नहीं है?
राहुल बजाज ने कहा, ”जिन्होंने गांधी जी की हत्या की उसे देशभक्त कहा गया. पहले भी कहा गया था. आपने टिकट दिया और वह जीत गईं. उन्हें कोई जानते नहीं थे. उसके बाद सलाहकार समिति (रक्षा समिति) में उन्हें लाया गया. पीएम मोदी ने कहा था कि मैं माफ नहीं करूंगा.” उन्होंने मॉब लिंचिंग का भी जिक्र किया. राहुल बजाज ने कहा कि इन सब मुद्दों पर कोई भी उद्योगपति नहीं बोल सकते हैं.
राहुल बजाज की चिंता के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आपके सवाल के बाद मुझे नहीं लगता है कि कोई कहेगा कि लोग डरते हैं. शाह ने कहा, ”जैसे ही साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बयान आया, तुरंत ही बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने इसकी निंदा की. प्रज्ञा ठाकुर ने माफी मांगी है. बीजेपी कभी भी इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करती है. घोर निंदा करते हैं. मुझे यह कहने में झिझक नहीं है.”
अमित शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग की कई घटनाओं में सजा हुई है. किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है. हमलोगों के खिलाफ बहुत कुछ लिखा गया है. किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है.

