
नई दिल्ली. अब बहुत जल्द आपकी विदेश यात्रा महंगी होने वाली है. आगामी 1 अप्रैल 2020 के बाद विदेशी टूर पैकेज खरीदना और विदेशों में कोई भी फंड खर्च करना महंगा हो जाएगा. अगर कोई विदेशी टूर पैकेज खरीदता है या विदेशी करेंसी एक्सचेंज कराता है तो 7 लाख रुपये से अधिक की रकम पर टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) देना होगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने आम बजट 2020 में सेक्शन 206C में संशोधन कर विदेशी टूर पैकेज और फंड पर TCS लगाने का प्रस्ताव दिया है.
अगर कोई विदेश में ट्रैवल, शिक्षा व अन्य तरह का कोई खर्च करता है या किसी को गिफ्ट भेजता है या फिर निवेश करता है तो इस तरह का ट्रांजैक्शन आरबीआई के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत रेग्युलेट होगा. इसके तहत उच्चतम सीमा एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख डॉलर तय की गई है. 70 रुपये के एक्सचेंज रेट के हिसाब से यह रकम करीब 1.75 करोड़ रुपये होती है.
क्या है नया नियम
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 206C के तहत अगर कोई अधिकृत डीलर एक वित्तीय वर्ष में 7 लाख रुपये से अधिक रकम को एलआरएस के जरिए विदेश भेजता है तो उन्हें 5 फीसदी की दर से TCS देना होगा. इस नियम में आगे कहा गया है कि विदेशी टूर पैकेज बेचने वाले सेलर पर TCS देने की जिम्मेदारी होगा. अगर पैन या आधार नहीं मुहैया कराया जाता है तो इसके लिए 5 फीसदी की जगह 10 फीसदी की दर से TCS देना होगा.
विदेश में पढ़ाई हो जाएगी महंगी इन विदेशी टूर पैकेज में भारत के बाहर किसी एक देश या कई देशों का टूर पैकेज शामिल है. इनमें ट्रैवल का खर्च, होटल में ठहरने का खर्च, बोर्डिंग, लॉजिंग समेत अन्य तरह के सभी खर्च शामिल होंगे. सरकार के इस प्रस्ताव के बाद अब विदेश में पढ़ाई के लिए जाने से लेकर छुट्टियां मनाना तक महंगा हो जाएगा.