देहरादून । उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में नए सूक्ष्म एवं लघु उद्योग लगाने के लिए अब जमीन आसानी से मिल सकेगी। उद्योग विभाग और उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम (सिडकुल) ने छह जिलों में करीब 18 एकड़ भूमि पर 10 मिनी इंडस्ट्रियल एरिया चयनित कर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है।
इंवेस्टर्स समिट में निवेश एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने पर्वतीय जिलों में 10 लघु औद्योगिक क्षेत्र चयनित कर बुनियादी सुविधाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है।
सरकार ने एमएसएमई नीति में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए उचित दरों पर भूमि उपलब्ध कराने के लिए लैंड बैंक बना कर नए औद्योगिक क्षेत्र बनाने की व्यवस्था की है। उद्योग विभाग ने उत्तरकाशी के डुंडा व गवाणा, चमोली के भीमतल्ला व कालेश्वर, अल्मोड़ा के द्वाराघाट में मिनी इंडस्ट्रियल एरिया बनाए हैं।
यहां भी बनेंगे औद्योगिक क्षेत्र
वहीं, सिडकुल ने उत्तरकाशी के पुरोला, पिथौरागढ़ के मुनस्यारी, टिहरी के सरोठ, नैनीताल के बेतालघाट और अल्मोड़ा के भिकियासैंण में औद्योगिक क्षेत्र में विकसित किए हैं।
नाबार्ड की पोषित योजना के तहत पिथौरागढ़ के विण, देहरादून के रानीपोखरी व विकासनगर, ऊधमसिंह नगर के किच्छा, नैनीताल के भीमताल में नए उद्योगों के लिए औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाने हैं। इसके लिए 2.71 करोड़ की धनराशि जारी की गई है।
पहाड़ों में नए एमएसएमई उद्योग लगने से स्थानीय लोगों को ज्यादा रोजगार मिल सकता है। निवेश बढ़ाने के लिए जनपद स्तर पर खाली भूमि का चयन कर मिनी इंडस्ट्रियल एरिया के रूप में विकसित किया जा रहा है।
-सुधीर चंद्र नौटियाल, निदेशक, उद्योग विभाग
नाबार्ड की पोषित योजना के तहत पिथौरागढ़ के विण, देहरादून के रानीपोखरी व विकासनगर, ऊधमसिंह नगर के किच्छा, नैनीताल के भीमताल में नए उद्योगों के लिए औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाने हैं। इसके लिए 2.71 करोड़ की धनराशि जारी की गई है।
पहाड़ों में नए एमएसएमई उद्योग लगने से स्थानीय लोगों को ज्यादा रोजगार मिल सकता है। निवेश बढ़ाने के लिए जनपद स्तर पर खाली भूमि का चयन कर मिनी इंडस्ट्रियल एरिया के रूप में विकसित किया जा रहा है।
-सुधीर चंद्र नौटियाल, निदेशक, उद्योग विभाग

