प्रदेश में जंगल की आग की बढ़ती घटनाओं को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने धामी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र के जंगलों में आग से ग्लेशियरों पर भी संकट मंडरा रहा है। पर्यावरणीय दृष्टि से यह अत्यंत हानिकारक है। वन और आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारी हैरान करने वाली है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य शुक्रवार को अपने शासकीय आवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले कई वर्षों से गर्मियों और सर्दियों में वन लगातार धधक रहे हैं। अप्रैल के पहले सप्ताह में स्थिति इतनी भयावह हो गई कि सैकड़ों हेक्टेयर वन जल गए और हजारों हेक्टेयर पर खतरा मंडरा रहा है। यह हानि चिंता का विषय है। वनाग्नि से अमूल्य वन संपदा के साथ वन्य जीव, वृक्ष, वनस्पतियों, जल स्रोत बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीण बस्तियों तक आग पहुंचने से मवेशियों पर भी संकट है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में निष्क्रिय है। जंगल की आग की रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सरकार मात्र खानापूरी कर रही है। वनाग्नि से निपटने को पहले अथवा बाद में कार्ययाेजना नजर नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जितना चुनाव प्रचार पर ध्यान दे रहे हैं, उतना इस समस्या के समाधान को लेकर उदासीन हैं। वातावरण में धुंध होने से दमा और श्वास के मरीजों के लिए दिन-प्रतिदिन स्थिति बदतर हो रही है। बुजुर्गों से लेकर युवा व्यक्ति भी संक्रमण के शिकार हैं।
फायरवाचर की नहीं की भर्तियां
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने कुल समय पहले बड़ी संख्या में फायरवाचर की भर्ती पर बल दिया था, लेकिन ये भर्तियां दिखाई नहीं दे रही हैं। वन विभाग व उसकी अग्निशमन शाखा की तैयारी इस बार शून्य है। प्रदेश में 67 प्रतिशत जंगल हैं। पर्यावरण संरक्षण के साथ पर्यटन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इस समस्या को लेकर दृष्टि का अभाव होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चुनाव में की मेहनत
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत आंक रही है। सभी सीटों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत से पार्टी प्रत्याशियों के लिए काम किया। इससे पार्टी और प्रत्याशियों के पक्ष में वातावरण बना और इसका चुनाव में लाभ भी मिला है।