प्रदेश में अगले माह शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं के उत्साह को देख सरकार ने नए सिरे से व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत चारों धामों में होने वाले पंजीकरण को गत वर्ष प्रत्येक धाम में बाहर से आने वाले अधिकतम श्रद्धालु की संख्या के अनुसार तय किया गया है। यद्यपि, इसमें स्थानीय स्तर से आने वाले यात्रियों के मौके पर ही किए जाने वाले पंजीकरण को शामिल नहीं किया गया है। यात्रा के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
15 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके
चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 15 अप्रैल से प्रारंभ की गई पंजीकरण प्रक्रिया के अंतर्गत अभी तक 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। शुरुआती दिनों में ही श्रद्धालुओं के इस उत्साह को देखते हुए सरकार यह अनुमान लगा रही है कि जब यात्रा शुरू होगी तो यहां काफी अधिक यात्री पहुंचेंगे। इस दौरान व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए यात्रा संचालित करने वाले पर्यटन विभाग ने पंजीकरण की अधिकतम सीमा तय करने का निर्णय लिया है। यह संख्या गत वर्ष एक दिन में इन धामों में पहुंचने वाले अधिकतम श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर तय की गई है। यद्यपि, श्रद्धालुओं के चारधाम आने पर किसी प्रकार की रोक टोक नहीं है।
पंजीकरण के लिए अधिकतम तय की गई इस संख्या में डंडी-कंडी से आने वाले व स्थानीय नागरिक शामिल नहीं किए गए हैं। यानी, ये सभी इस तय संख्या के अतिरिक्त हैं। सरकार ने विगत वर्षों में भी यह व्यवस्था लागू की थी, लेकिन स्थानीय व्यक्तियों के विरोध के चलते इसे लागू नहीं किया जा सका था। यही कारण है कि इस बार गत वर्ष एक दिन में आए अधिकतम श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से अधिकतम पंजीकरण संख्या तय की गई है।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे का कहना है कि यह संख्या केवल आनलाइन पंजीकरण के लिए तय है। इसमें आफलाइन पंजीकरण शामिल नहीं है। भीड़ प्रबंधन के दृष्टिगत यह कदम उठाया गया है। यात्रा पर आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए व्यवहारिक दृष्टिकोण का भी ध्यान रखा जाएगा।
चारधाम यात्रा का कार्यक्रम
10 मई- केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे।
12 मई- बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
15 मई – हेमकुंड साहिब के कपाट खुलेंगे।
अब तक यात्रा के लिए हुए पंजीकरण
यमुनोत्री – 253883
गंगोत्री – 277901
केदारनाथ – 521052
बदरीनाथ – 436688
हेमकुंड साहिब – 23469
आनलाइन पंजीकरण के लिए तय संख्या
यमुनोत्री – 09 हजार
गंगोत्री – 11 हजार
केदारनाथ – 18 हजार
बदरीनाथ – 20 हजार