उत्तराखंड में कांग्रेस के भीतर लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के साथ ही चुनाव के बेहतर प्रबंधन पर छाए असमंजस को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमें पांचों संसदीय पर अच्छा चुनाव लड़ना होगा। यही नहीं, उन्होंने यशपाल आर्य के अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का समर्थन करते हुए इसे अपनी भी इच्छा बताया। नई दिल्ली में टिकट तय करने को स्क्रीनिंग कमेटी की मंगलवार को होने जा रही बैठक से पहले हरीश रावत के इस रवैये के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को हरिद्वार लोकसभा सीट से पार्टी के टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
वह अपने चुनाव क्षेत्र में काफी पहले से सक्रिय भी हैं। यह अलग बात है कि हरिद्वार सीट पर उन्होंने अपने पुत्र वीरेंद्र सिंह रावत को टिकट देने की पैरवी भी की है। इस सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा की दावेदारी भी सामने आई है। यद्यपि, कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माहरा से पार्टी को मजबूती से चुनाव लड़ाने की अपेक्षा की थी। इसे लेकर दोनों ही पक्षों के समर्थकों में इंटरनेट मीडिया पर काफी सक्रिय रहे। इसके बाद हरीश रावत ने आगे टिप्पणी से गुरेज करते हुए लंबे समय तक इस विषय पर चुप्पी साधे रही। प्रदेश कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की मंगलवार को नई दिल्ली में बैठक होनी है। बैठक में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा भाग लेंगे।
माना जा रहा है कि कमेटी उत्तराखंड की पांचों सीटों पर प्रत्याशियों के पैनल को अपनी संस्तुति के साथ केंद्रीय चुनाव समिति को भेज सकती है। स्क्रीनिंग कमेटी पार्टी की ओर से विभिन्न स्तर पर कराए गए सर्वे, प्रदेश में विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों एवं वरिष्ठ नेताओं के फीडबैक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर विचार कर निर्णय लेगी। वर्तमान में दमदार समझे जाने वाले कई प्रत्याशी चुनाव लड़ने से ही इन्कार कर रहे हैं, इससे पार्टी की चिंता बढ़ी हुई है।
हरीश रावत पहली बार अपना रुख किया सार्वजनिक
नई दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की इंटरनेट मीडिया पर डाली गई पोस्ट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने अल्मोड़ा सुरक्षित सीट को लेकर पहली बार अपना रुख सार्वजनिक किया है। इस सीट पर दावेदारी पेश करना हो या चुनाव लड़ना, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य इनकार कर चुके हैं। यद्यपि, प्रदेश संगठन ने अपनी संस्तुति में उन्हें मजबूत प्रत्याशी माना है। इस सीट पर पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा भी दावेदार हैं। टम्टा को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बेहद करीबी माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अब इस सीट पर यशपाल आर्य का समर्थन किया है। साथ ही उनके चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में प्रदीप टम्टा को स्वाभाविक दावेदार बताया है। साथ ही दोनों की विजय के लिए काम करने को अपना धर्म भी बता दिया।
हरीश रावत ने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को चुनाव के लिए क्रिकेट टीम की भांति कप्तान और कोच बताते हुए उनसे फ्रंट से नेतृत्व कर उदाहरण प्रस्तुत करने की अपेक्षा भी की है। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि बढ़ती उम्र के साथ उनकी क्षमता सीमित होती जा रही है। इसलिए पार्टी को उनकी उपयोगिता व क्षमता का आकलन कर उनसे अपेक्षा करने को भी कहा है।