चारधाम यात्रा 2020: इस बार वाहन से दो दिन पहले ही धाम पहुंच जाएगी बाबा केदार की डोली, श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे दर्शन

रुद्रप्रयाग I आगामी 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। इससे पहले 26 अप्रैल को बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली को इस बार पैदल न ले जाकर ऊखीमठ से वाहन के जरिए सीधे गौरीकुंड ले जाया जाएगा। जहां से 27 अप्रैल को ही केदारनाथ की डोली अपने धाम पहुंच जाएगी। यहां डोली को विश्राम दिया जाएगा। तय कार्यक्रम के अनुसार 29 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर मेष लग्न में मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। बाबा केदार की डोली को वाहन से सीधे गौरीकुंड ले जाए जाने की वजह से मार्ग में भक्त डोली के दर्शन नहीं कर सकेंगे।
डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बुधवार को तहसील सभागार में पंचगाईं दस्तूरदारों, आचार्यगणों, ग्रामीणों, गौंडारी हक-हकूकधारियों, तीर्थ समाज के प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों के साथ केदारनाथ यात्रा और डोली के धाम प्रस्थान को लेकर चर्चा की।

पहले यह था कार्यक्रम
इस दौरान कोरोना संक्रमण की आशंका और शारीरिक दूरी के नियम पालन को देखते हुए बाबा केदार की डोली को सीधे गौरीकुंड ले जाए जाने का निर्णय हुआ। पहले जो कार्यक्रम था, उसके मुताबिक शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से प्रस्थान कर बाबा केदार की डोली को गुप्तकाशी होते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव फाटा पहुंचना था।

इसके बाद 27 अप्रैल को फाटा से प्रस्थान कर डोली सीतापुर, रामपुर, सोनप्रयाग होते हुए रात्रि प्रवास के लिए गौरीकुंड पहुंचनी थी और यहां से 28 अप्रैल को गौरीकुंड से प्रस्थान कर जंगलचट्टी, भीमबली, रामबाड़ा, लिनचोली, रुद्रा प्वाइंट होते हुए धाम पहुंचने का कार्यक्रम था।  

बैठक में केदारनाथ के विधायक मनोज रावत, एसडीएम वरुण अग्रवाल, एसपी नवनीत सिंह भुल्लर, लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, विनोद शुक्ला, राजकुमार तिवारी, तहसीलदार जयवीर राम बधाणी, नपं अध्यक्ष विजय राणा, आरके नौटियाल, घनानंद मैठाणी आदि मौजूद रहे।

गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फ की गई साफ आवाजाही शुरू
भगवान केदारनाथ की यात्रा के लिए गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को बर्फ साफ कर आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। बुधवार को गौरीकुंड से निर्माण सामग्री लेकर घोड़ा-खच्चर भी धाम पहुंच गए हैं। फरवरी माह के आखिरी सप्ताह में डीएम के आदेश पर डीडीआरएफ के जवानों को पैदल मार्ग पर बर्फ सफाई के लिए भेजा गया था। इन मजदूरों से जंगलचट्टी से भीमबली तक रास्ते को साफ किया।

इसके बाद मार्च पहले सप्ताह से डीडीएमए-लोनिवि के दिशा-निर्देशन में वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के 130 मजदूरों द्वारा तीन टीमों में बर्फ सफाई का कार्य किया जा रहा था। पहले चरण में भीमबली से रामबाड़ा, दूसरे चरण में रामबाड़ा से लिनचोली व रुद्रा प्वाइंट से केदारनाथ तक बर्फ सफाई का कार्य कर आवाजाही के लिए रास्ता बनाया गया। जबकि तीसरे चरण में पिछले दस दिनों से छानी कैंप से रुद्रा प्वाइंट के बीच बर्फ को काटकर रास्ता तैयार किया जा रहा है, जो बीते मंगलवार को पूरा हो गया है।

बुधवार को ट्रायल के तौर पर निर्माण सामग्री के साथ घोड़ा-खच्चर गौरीकुंड से धाम के लिए भेजे गए, जो दोपहर बाद धाम पहुंच गए हैं। अब, आगामी यात्रा के लिए जल्द ही प्रशासन की टीम जल्द केदारनाथ पहुंचेगी। कार्यदायी संस्था के टीम प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि डेढ़ माह से अधिक समय में पैदल मार्ग पर नौ किमी हिस्से में जमा कई फीट बर्फ को काटकर रास्ता बनाया गया है। अब, वर्तमान में गौरीकुंड से केदारनाथ तक आवाजाही के लिए रास्ता खोल दिया गया है। लेकिन हिमखंड जोनों पर अब भी मजूदर तैनात रहेंगे, यहां पर हिमखंड टूटकर रास्ते में गिर रहे हैं। इधर, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि, पैदल मार्ग पर आवाजाही शुरू होने से यात्रा के लिए जरूरी सुविधाएं अगले चार दिनों में धाम पहुंचा दी जाएंगी।

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