उत्तराखंड में वर्ष 2025 तक सभी ग्राम पंचायतों के पास अपने पंचायत भवन हो जाएंगे। इसके लिए प्रयास तेज किए गए हैं। वर्तमान में 450 ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि शेष रह गईं 800 ग्राम पंचायतों के भवनों के निर्माण को नए वित्तीय वर्ष में मांग की जाएगी। इस सिलसिले में अभी से प्रस्ताव तैयार करने की कसरत प्रारंभ कर दी गई है।
पंचायतों की संख्या 7795
प्रदेश में वर्तमान में ग्राम पंचायतों की संख्या 7795 है। इनमें से 1250 के पास पंचायत के कार्यों के संचालन के दृष्टिगत अपने भवन नहीं हैं। वे जैसे-तैसे कर यह कार्य चला रही हैं। ऐसे में अभिलेखों के रखरखाव समेत अन्य कार्यों में कठिनाई आ रही है। इस सबको देखते हुए सरकार का प्रयास है कि सभी ग्राम पंचायतों के पास अपने पंचायत भवन हों। इसके लिए प्रयास भी तेज किए गए हैं। पंचायती राज विभाग के उप निदेशक मनोज तिवारी के अनुसार पंचायत भवन विहीन 450 ग्राम पंचायतों में इनका निर्माण कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि इनमें 250 का निर्माण राज्य सेक्टर से कराया जा रहा है, जबकि 200 पंचायत भवन राज्य को केंद्र से राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत मिले हैं। चालू वित्तीय वर्ष में इन सभी का कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शेष पंचायत भवन विहीन ग्राम पंचायतों के लिए नए वित्तीय वर्ष में राज्य सेक्टर और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान में मांग की जाएगी। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए वित्तीय वर्ष में इनकी स्वीकृति मिलने के साथ ही वर्ष 2025 तक सभी पंचायतों के पास अपने भवन हो जाएंगे।
मिनी सचिवालय के रूप में विकसित हो रहे 670 पंचायत भवन
ग्राम पंचायतों के पंचायत भवनों को मिनी सचिवालय के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार ने कदम उठाए हैं। प्रथम चरण में 670 न्याय पंचायतों में एक-एक ग्राम पंचायत के भवन को मिनी सचिवालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनके माध्यम से विभिन्न विभागों की सेवाएं ग्रामीणों को उपलब्ध हो सकेंगी। धीरे-धीरे इस मुहिम को आगे बढ़ाया जाएगा।
