पड़ताल में बीच जंगल बने अवैध मदरसों और मस्जिद की सच्चाई सामने आने के बाद सीएम कार्यालय और गृह विभाग ने संज्ञान लिया। इसके बाद अधिकारियों की नींद टूटी और बुधवार शाम वन विभाग के साथ ही प्रशासनिक अमला टांडा जंगल पहुंच गया। अवैध मदरसे समेत एक एकड़ में फैले धार्मिक अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त कराया। जल्द दो अन्य रेंजों में भी कार्रवाई की तैयारी है।
मस्जिद और मदरसे दोनों का संचालन हो रहा था
जागरण टीम ने मंगलवार को हल्द्वानी-रुद्रपुर हाईवे पर टांडा से सटे जंगल में अवैध मदरसे और मस्जिद निर्माण की सच्चाई उजागर की थी। पड़ताल में पता चला था कि तराई के इस जंगल में अवैध रूप से मस्जिद और मदरसे दोनों का संचालन हो रहा है। नहरखत्ता के मदरसे में स्थानीय व्यक्ति ही पढ़ाने आता है, जबकि बूढ़ाखत्ता मदरसे में पिछले एक साल से मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा निवासी सलीम नाम का मौलवी दीनी तालीम के नाम उर्दू-फारसी पढ़ा रहा है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डा. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि अतिक्रमण व अवैध धार्मिक संरचना के मामले को मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग ने गंभीरता से लेकर तराई केंद्रीय डिवीजन व ऊधम सिंह नगर प्रशासन को संयुक्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद बुधवार शाम टीम ने एक एकड़ वनभूमि पर बने धार्मिक अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया, जिसमें एक मदरसा भी शामिल था। उसके निर्माण की प्रशासन व वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई थी।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डा. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि जंगल में किसी भी तरह के धार्मिक अतिक्रमण की इजाजत नहीं है। सीएम पुष्कर सिंह धामी का सख्त निर्देश है कि कब्जों को लेकर मिलीभगत मिलने पर विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। इस मामले में लापरवाह अधिकारी नहीं बचेंगे। अतिक्रमण हटाने के बाद उनपर भी कड़ी कार्रवाई होगी।