मसूरी,17,सितंबर,
पहाड़ों की रानी मसूरी का गौरव द रिंक बना लक्षागृह संधिद्ग् प्रस्तिथि मै लगी आग हेरिटेज भवन मात्र 3 घण्टे मै हुआ जल कर राख।
पहाड़ों की रानी मसूरी मे केमल्स बैक रोड पर स्थित ऐतिहासिक द रिक जलकर राख हो गया बताया जा रहा है की आग शॉट सर्किट की वजह से लगी है। खैर ये तो जाँच का विषय है।
लेकिन मजे की बात ये नजर आ रही है की आग एक कोने से लग कर एक ही समय मै दूसरी बिल्डिंग मै जो बताये गए शॉट सर्किट के स्थान से लगभग,100 मीटर की दूरी पर है द रिंक की तीनो बिल्डिंगो मै एक ही समय पर एक समान आग कैसे लग गई जबकि आग तो कुछ भी हो दूसरी बिल्डिंग मै पहुँचने मै कुछ तो समय लेती। कुछ लोगो का कुछ लोग जो तमासबिन है उनका मनाना है की भई पूरी बिल्डिंग देवदार की लकड़ी की बनी थी इस लिए इतनी जल्दी जलकर स्वहा हो गई। खैर जो भी हो ये तो जाँच का विषय है। अब वो जाँच कब होती है। और कैसी होती है ये तो भविष्य के गर्भ मे है। बरहाल् मसूरी का गौरव एशिया का नम्बर 1 ऐतिहासिक पूर्ण रूप से लकड़ी का बना द रिक तो लाक्षागृह बन ही गया।
मसूरी के पुराने लोगो की बहुत सी खट्टी मिठी यादे यहाँ से जुड़ी हुई है।
जिन्हे द रिंक के स्वहा होने पर खासा दुःख है। और कोई कर भी क्या सकता है। शॉट सर्किट तो किसी को भी पल भर मै जलाकर स्वहा कर सकता है। चलो जो भी हो अब जांच होगी कब होगी जब भी होगी जैसी भी होगी कुछ ना कुछ तो स्वहा होने का कारण सामने आयेगा ही।
यहाँ आपको ये भी बताना जरूरी है की द रिक एक हेरिटेज बिल्डिंग थी जो भी इस भवन का स्वामी है या थे वो जो इसका वुडन फ्लोर और् द रिक का स्वरूप चैंज नही कर सकते थे। क्योंकि ये 1890 मै बना वुडन का एशिया का सबसे बड़ा रिक था।खैर अब किस बात का रिंक जल्द ही यहाँ जो लगता है की एक आलिशान होटल बनकर तेयार होगा। कुछ भी हो मसूरी का गौरव द रिक जलकर स्वहा हो गया है।
फायर सर्विस् और स्थानीय लोगो ने बहुत कोशिस की की इस ऐतिहासिक रिक के कुछ तो अवेशस् बचा सके मगर जनाब क्या गजब का शॉट सर्किट हुआ है की इतनी कोशिशो के बाद भी स्थानीय लोग और फायर सर्विस् उस वुडन की दीवारो और् फर्श का एक टुकडा भी नही बचा पाई की कहने को हो सके की ये एशिया का सबसे बड़ा वुडन का द रिक ऐसा था।
खैर देखते है की जाँच कब होती है। और कैसी होती है। फिलहाल मसूरी का सारा सरकारी अमला और तमास बिन मौके पर डटे हुए है। और ऐतिहासिक रिक लाक्षागृह मै तब्दील हो चुका है।