देहरादून। आखिर वही हुआ, जिसका अंदेशा था। अव्यवस्था और अनुभव की कमी के बीच शहर के नए महापौर सुनील उनियाल गामा अपनी पहली परीक्षा में विकास के सवालों पर जूझते नजर आए। गनीमत यह रही कि भाजपा हाईकमान ने उन्हें बैकअप देने की कोई कसर नहीं छोड़ी।
रणनीति के अंतर्गत बोर्ड बैठक की पूर्व संध्या पर बुधवार शाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट द्वारा भाजपा पार्षदों की बैठक कर रणनीति तैयार कर ली गई थी। सूत्र बता रहे कि भट्ट की ओर से पार्षदों को चुप रहने की ताकीद दी गई थी, ताकि गामा असहज न हों, लेकिन पार्षद कहां मानने वाले थे। यही वजह रही कि पार्टी हाईकमान को स्थिति संभालने के लिए विधायकों को मैदान में उतारना पड़ा।
सदस्यों की संख्या में विधानसभा से भी बड़े दून नगर निगम के सभा-भवन में सौ पार्षदों को संभालना किसी चुनौती से कम नहीं है। वह भी तब जब सभापति के पास पर्याप्त अनुभव न हो। गामा नगर निगम के महापौर को निर्वाचित हो गए, लेकिन अभी यहां की कूटनीतिक बारिकियों से वे अछूते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पूर्व निगम की पहली बोर्ड बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं।