देहरादून। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि कहते हैं। वर्षभर होने वाली 12 शिवरात्रियों में से फाल्गुन कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि का अधिक महत्व है। जिसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। देवभूमि उत्तराखंड में महाशिवरात्रि पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सभी शिवालयों में मध्य रात्रि 12 बजे से ही जलाभिषेक शुरू हो गया था। बागेश्वर में ऐतिहासिक बागनाथ मंदिर में शिवार्चना के लिए सुबह से पूजा अर्चना करने वालों का तांता लगा रहा।
दून के प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर श्री टपकेश्वर महादेव में मध्यरात्रि 12 बजे महंत श्री 108 कृष्णा गिरी महाराज और दिगंबर भरत गिरी महाराज के सानिध्य में सेवादल ने सामूहिक रुद्राभिषेक शुरू किया। सुबह चार बजे तक चले अभिषेक में देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। महादेव का भव्य श्रृंगार कर महाआरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। पलटन बाजार स्थित जंगम शिवालय मंदिर में भी पूजा-अर्चना की गई।