टीम इंडिया और मेहमान ऑस्ट्रेलियाई टीम के बीच मोहाली में खेले गए चौथे वनडे मैच में एक बार फिर डीआरएस (DRS- Decision review system) अंपायर निर्णय प्रणाली विवाद में आ गया है। मैच के दौरान दो बार कुछ ऐसा हुआ जिस पर भारतीय कप्तान विराट कोहली खराब अंपायरिंग व डीआरएस पर नाराजगी जताते नजर आए। एक मौका तो ऐसा था कि सब कुछ साफ-साफ दिखने के बावजूद फैसला भारत के पक्ष में नहीं दिया गया। जब भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा तो गुस्से में लाल कप्तान विराट कोहली ने भी बिना हिचकिचाते हुए डीआरएस विवाद पर अपना बयान दे डाला। वैसे पिछले मैच में भी डीआरएस व हॉकआई तकनीक विवादों में रही थी। आइए जानते हैं कि रविवार को आखिर ऐसा क्या हुआ और विराट कोहली ने इस बारे में क्या कुछ कहा है।
मामला ऑस्ट्रेलियाई पारी के 44वें ओवर का है जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एश्टन टर्नर कुल 41 रन बनाकर पिच पर पारी बढ़ा रहे थे। इस ओवर की चौथी गेंद पर युजवेंद्र चहल की फिरकी पर टर्नर चूक गए। उन्होंने बल्ला तो चलाया लेकिन गेंद सीधे रिषभ के हाथों में चली गई। रिषभ ने स्टंपिंग भी की और साथ ही तेज अपील भी कर डाली। गेंदबाज से लेकर किसी अन्य खिलाड़ी को भी अंदाजा नहीं था कि आखिर पंत किस चीज के लिए अपील कर रहे थे। फिर पंत ने विराट कोहली की ओर इशारा किया कि वो स्टंपिंग नहीं बल्कि कैच की बात कर रहे हैं। विराट ने भी अपने विकेटकीपर पर भरोसा जताया और डीआरएस लेने का इशारा किया। अंपायर ने फैसला थर्ड अंपायर को सौंप दिया।
जब दिखाए गए टीवी रीप्ले
इसके बाद टीवी रीप्ले दिखाया गया तो ऐसा लगा जैसे गेंद के धागे बल्ले के निचले हिस्से से छूते हुए गए होंगे। कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा था। तब स्निकोमीटर की मदद ली गई जिसमें छोटी से छोटी आवाज का पता चल जाता है। थर्ड अंपायर ने स्निकोमीटर के साथ रीप्ले देखना शुरू किया, मैदान पर भी सभी लोग बड़ी स्क्रीन पर ये रीप्ले देख रहे थे। स्निकोमीटर में साफ दिखा कि गेंद जब बल्ले के पास से गुजरी तब आवाज तेज हुई थी यानी रिषभ पंत का फैसला सही था, आमतौर पर ये एक कैच दिया जाना चाहिए था। हालांकि थर्ड अंपायर के फैसले ने सबको चौंका दिया क्योंकि ये नॉटआउट करार दे दिया गया। शायद अंपायर ने गेंद के बल्ले के करीब गुजरने से पहले की आवाज को उससे जोड़कर देखा और बल्लेबाज के पक्ष में फैसला सुना दिया। ये फैसला भारत पर काफी भारी पड़ा क्योंकि अंत में इसी बल्लेबाज (एश्टन टर्नर) ने नाबाद 81 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया को 13 गेंद बाकी रहते जीत दिला दी।