नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने कश्मीर में सख्त कदम उठाते हुए अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) पर प्रतिबंध लगा दिया है। कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक के बाद सरकार ने यह प्रतिबंध आतंकवाद निरोधक कानून के तहत लगाया है।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट पर प्रतिबंध एक ‘हानिकारक कदम’ है जो कश्मीर को एक खुली जेल में बदल देगा। अधिकारियों ने नई दिल्ली में बताया कि संगठन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को कथित तौर पर बढ़ावा देने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है।महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट में कहा, ‘ऐसे हानिकारक कदमों से कश्मीर सिर्फ खुली जेल में तब्दील होगा।’
मुफ्ती ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर मुद्दे के हल के लिये यासीन मलिक ने काफी समय पहले हिंसा की आलोचना की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी जी की वार्ता पहल में उन्हें एक पक्षकार के तौर पर देखा गया था। उनके संगठन पर प्रतिबंध से क्या हासिल होगा?’
उन्होंने बताया कि सुरक्षा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है और केंद्र की राय है कि जेकेएलएफ ‘आतंकी संगठनों के संपर्क में है’ तथा जम्मू-कश्मीर व अन्य जगहों पर उग्रवाद और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

