नई दिल्ली: भोपाल संसदीय सीट के लिए कांग्रेस ने अपने सबसे मजबूत चेहरों में से एक दिग्विजय सिंह को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया तो एक सवाल था कि बीजेपी की तरफ से वो चेहरा कौन होगा। पहले खबर आई कि बीजेपी की तरफ से शिवराज सिंह चौहान या उमा भारती उनके खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। लेकिन अब प्रज्ञा ठाकुर के रूप में बीजेपी का चेहरा है जो दिग्विजय सिंह को चुनौती देंगी।
प्रज्ञा, दिग्विजय के बीच भोपाल की दिलचस्प राजनीति
प्रज्ञा ठाकुर का नाम आते ही, भगवा आतंकवाद, हिंदू आतंकवाद जैसे शब्दों की बरबस याद आ जाती है। दरअसल यूपीए-दो के दौरान मालेगांव धमाका हुआ था और उन धमाकों के तार जिन संगठनों या शख्सितों से जोड़े गए वो हिंदू विचारधारा को बढ़ाने वाले माने जाते थे। उनमें से ही एक नाम प्रज्ञा ठाकुर का था। उम्मीदवारी की घोषणा के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उनके पास बड़ी शक्ति है और निश्चित तौर पर वो दिग्विजय सिंह को चुनौती देने में कामयाब होंगी।
प्रज्ञा ठाकुर की चुनौती के बारे में दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो उनका स्वागत करते हैं। लेकिन राजनीतिक हल्कों से ये आवाज आई कि देश को बीजेपी किस तरफ ले जा रही है। एक ऐसे शख्स को टिकट दिया गया जिस पर आतंकवाद का इल्जाम है और वो जमानत पर है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जिस स्वास्थ्य के आधार पर प्रज्ञा को जमानत दी गई वो उसका माखौल उड़ा रही हैं। खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर वो जेल से बाहर आईं और अब चुनाव लड़ने के लिए उनका स्वास्थ्य बेहतर है। लिहाजा उनकी बेल खारिज होनी चाहिए।
ये बात अलग है कि प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि जो लोग बेल की बात कर रहे हैं उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि बेल पर और कुछ लोग हैं जो चुनावी ताल ठोंक रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने दर्ज को बयां किया जिसे उन्होंने हिरासत के साथ जेल में रहने के दौरान भोगा था। अपनी बात रखते रखते वो रो पड़ीं।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का छलका दर्द
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि पूछताछ के दौरान अधिकारी सिर्फ एक ही बात कहलवाना चाहते थे कि तुमने एक विस्फोट किया है और मुस्लिमों को मारा है। पिटाई खाते खाते सुबह हो जाती थी। लोग बदल जाते थे। लेकिन मार खाने वाली मैं सिर्फ अकेली रहती थी। पुलिस अधिकारी, बेल्ट से उन्हें बेरहमी से मारते थे। एक समय तक वो दर्द से कराहती रहती थीं। लेकिन कुछ समय के बाद उन्हें कुछ अहसास नहीं रहता था। पूरा शरीर सुन्न पड़ जाता था। मेरे घावों पर नमक का पानी डाला जाता था।मेरी शरीर पर इतने टेस्ट हुए जिसकी वजह से कैंसर हो गया। पूछताछ करने वाले इस बात के लिए दबाव डालते थे कि वो किसी तरह ये बात कहें कि मालेगांव धमाके में आरएसएस का भी हाथ। लेकिन उन्होंने अपने आपको भगवान के हवाले कर दिया था।