देहरादून। अब प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में भी इंटरनेट की पहुंच आसान हो जाएगी। ग्रामीणों को मोबाइल नेटवर्क के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पिटकुल) 900 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाएगा। इसके लिए टेंडर भी आमंत्रित कर दिए गए हैं। पिटकुल अभी तक पहले फेज में 600 किलोमीटर फाइबर लाइन बिछा चुका है। यह ऑप्टिकल लाइन पिटकुल अपने अर्थिंग लाइन को हटाकर बिछा रहा है। प्रदेश, खासकर दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच अभी भी काफी कमजोर है। दूरस्थ क्षेत्रों में नेट की स्पीड 4जी में अभी तक भी 2जी और 3जी तक ही है। यही नहीं कई बार तो यहां सिगनल तक नहीं आते, जिससे विभिन्न कंपनियों के उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन, अब ऐसे क्षेत्रों में भी इंटरनेट की पहुंच आसान हो जाएगी। इसके लिए पिटकुल केंद्र सरकार के सहयोग से बिजली की हाईटेंशन लाइनों की अर्थिंग वायर की जगह ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछा रही है। पहले चरण में प्रदेश में छह सौ किलोमीटर फाइबर लाइन बिछाई जा चुकी है। पिटकुल की मानें तो 900 किमी और लाइन बिछाए जाने के बाद कनेक्टिविटी से इंटरनेट की स्पीड बहुत मजबूत हो जाएगी।
रेट पर नहीं हो पाया है अभी कोई फैसला
पिटकुल दूरसंचार कंपनियों को इन फाइबर लाइनों से सेवाएं उपलब्ध कराएगा। लेकिन किस रेट से उन्हें सेवाएं उपलब्ध हों, इस पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। जल्द ही पिटकुल इस पर मंथन कर दूरसंचार कंपनियों को सेवाएं उपलब्ध कराना शुरू कर देगा।
क्या है ऑप्टिकल फाइबर
ऑप्टिकल फाइबर ग्लास या प्लास्टिक के बाल जैसा पतला थे्रड्स है। यह तांबे की तारों या दूसरे केबल की तुलना में बहुत अधिक गति पर डेटा संचारित कर सकते हैं। इसका उपयोग टेलिफोन संकेतों को भेजने और लाने, इंटरनेट सिग्नल संचार करने, डिजिटल केबल टीबी संचार और अन्य उपकरणों के सिग्नल्स आवागमन कराने के लिए होता है।
बोले अधिकारी
संदीप सिंघल (प्रबंध निदेशक, पिटकुल, उत्तराखंड) का कहना है कि ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाने के बाद प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में भी संचार सेवाएं मजबूत होंगी। प्रदेश में अभी तक छह सौ किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाई जा चुकी है। नौ सौ किलोमीटर लाइन के टेंडर जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही रेट फाइनल कर दूरंसचार कंपनियों को इंटरनेट सेवाएं प्रदान की जाएंगी।