वाराणसी I वाराणसी सीट से सपा प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द होने के बाद अब लड़ाई और रोचक हो गई है. गुरुवार को सपा की मौजूदा प्रत्याशी शालिनी यादव ने तेज बहादुर से मुलाकात की और उनको राखी बांधकर अपनी जीत का आशीर्वाद मांगा. इसकी तस्वीर शालिनी ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर भी की है.
शालिनी से मुलाकात के बाद तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह पांच भाई हैं, लेकिन कोई बहन नहीं थी. अब उन्हें शालिनी यादव के रूप में बहन मिल गई. नकली चौकीदार के खिलाफ असली चौकीदार की लड़ाई जारी रहेगी. तेज बहादुर ने कहा कि मैं शालिनी की जीत के लिए जान पर दांव लगा दूंगा.
नामांकन रद्द होने के बाद शालिनी यादव ने कहा कि अब मैं शालिनी की लड़ाई को आगे बढ़ाने और मोदी जी को हराने के लिये बनारस में ही रह कर डोर टू डोर प्रचार करूंगा. इस मुलाकात पर शालिनी यादव ने कहा कि आज हम तेज बहादुर जी से मिलने आए हैं. तेजबहादुर जी पांच भाई हैं, लेकिन कोई बहन नहीं है. मैंने उन्हें राखी बांधी है और भाई के तौर पर स्वीकार किया है.
कौन हैं शालिनी यादव
महागठबंधन की मौजूदा प्रत्याशी शालिनी यादव को सियासत विरासत में मिली है. शालिनी के ससुर श्याम लाल यादव कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं, जिनका कांग्रेस ही नहीं बल्कि गांधी परिवार से कभी सीधा सरोकार हुआ करता था. इसी के चलते कांग्रेस ने शालिनी यादव को वाराणसी सीट से 2017 में मेयर का टिकट दिया था.
शालिनी बीजेपी की मृदुला जायसवाल से भले ही हार गईं, लेकिन एक लाख चौदह हजार वोट हासिल करने में कामयाब रही थीं. इसके बाद से लगातार वो पार्टी में सक्रिय रहीं. लोकसभा चुनाव में शालिनी ने कांग्रेस से टिकट मांगा था. टिकट न मिलने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है. सपा ने उन्हें पहले अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन ऐन मौके पर टिकट काटकर तेज बहादुर यादव को दे दिया.
हालांकि, टिकट काटे जाने से पहले शालिनी यादव नामांकन कर चुकी थीं. इस कारण जब तेज बहादुर यादव का पर्चा निरस्त हुआ तो सपा ने एक बार फिर शालिनी यादव को अपना प्रत्याशी बना दिया है.