नई दिल्ली: विचारों की लड़ाई का हवाला देकर जनता के बीच अपनी राजनीतिक दुहाई की मांग करने वालों नेताओं का पाला बदल कर दूसरी पार्टी में जाना कोई नई बात नहीं है। चुनाव दर चुनाव ऐसे तमाम उदाहरण हैं जब नेता एक- दूसरे दलों में शामिल होते रहें हैं। इस बीच खरीद-फरोख्त को लेकर तमाम सियासी बयानबाजी भी होती रही है। हाल ही में आप पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर अपने विधायकों को खरीदे का आरोप लगाया था।
इन सबके बीच दिल्ली की गांधीनगर सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल बाजपेयी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। अनिल बाजपेयी ने केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू के समक्ष पार्टी की सदस्यता ली।
इससे पहले केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि क्या प्रधानमंत्री विपक्षी पार्टी के विधायकों को खरीद कर सरकार बनाना चाहते हैं। सीएम ने कहा कि बीजेपी के नेता कहते हैं कि आप पार्टी के 14 विधायक उनके संपर्क हैं। वहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी उनके विधायकों को 10-10 करोड़ रुपए में खरीदना चाहती है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी के 40 विधायक उनके संपर्क में हैं। वहीं गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और जन विकल्प मोर्चा के अध्यक्ष शंकर सिंह बाघेला ने कहा था कि जब 23 मई को चुनाव नतीजे आएंगे तो उसके बाद गुजरात में बीजेपी की सरकार गिर जाएगी।

