नेपाल ने भारत की ओर से कैलाश मानसरोवर के लिए लिंक रोड के उद्घाटन का विरोध किया था और कहा था कि यह कदम दोनों देशों के बीच समझ के खिलाफ है. बता दें कि कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिथौरागढ़-धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाली सड़क का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया था. अब इस मामले सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का एक बड़ा बयान सामने आया है. आर्मी चीफ ने संकेत दिया है कि मानसरोवर के रास्ते पर लिपुलेख पास पर बन रही सड़क का विरोध नेपाल चीन के समर्थन पर कर रहा है.
आर्मी चीफ ने यह बात उस वक्त कही जब वे शुक्रवार को रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) के एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे. आर्मी चीफ ने वहां कहा कि यह मानने की वजह है कि उन्होंने किसी और के इशारे पर इस बात को उठाया होगा. इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है. उन्होंने आगे कहा कि हमने जो सड़क बनाई है वह नदी के पश्चिम में है और नदी के पूर्व की जमीन उन लोगों की है. उसमें कोई विवाद ही नहीं है. वो लोग नहीं जानते कि वे किस बार में आंदोलन कर रहे हैं.
आर्मी चीफ ने आगे कहा कि अगर हम वहां से थोड़ा आगे बढ़ते हैं और जहां त्रिकोणी जंक्शन है वहां पहुंचते हैं तो वहां जरूर कुछ छोटी दिक्कतें हैं, अतीत में ऐसी कोई दिक्कत कभी नहीं हुई है. आर्मी चीफ ने इस दौरान चीन के साथ जारी तनातनी को लेकर कहा कि यह केवल एक या दो जगह है जहां ऐसा हुआ है, अन्य जगहों पर सबकुछ सामान्य है. हम इसे केस टू केस बेसिस पर निपटा रहे हैं.

