मसूरी:23,मई,, नगर पालिका परिषद मसूरी की वार्ड आठ की सभासदा गीता कुमाई ने निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी की संस्तुति पर ही सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जिलाधिकारी द्वारा की गई जांच व निर्वाचन निरस्त करने से सम्बन्धित संस्तुति विधि विरुद्ध व न्यायलय के आदेशों की अवहेलना है. जबकि इधर जिलाधिकारी एस ए मुरुगेशन ने सभासद के उठाये सवालों पर कहा है कि संस्तुति हेतु जो पत्र भेजा गया है वह नियमों के अनुसार भेजा गया है और इस पर अब फैसला शासन को लेना है.
बता दें, सभासद गीता कुमाई के सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामले में एसडीएम मसूरी गोपाल राम बिनवाल की जांच रिपोर्ट के उपरांत जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी एसएस मुरुगेशन ने नगर पालिका परिषद, मसूरी के वार्ड आठ के निर्वाचन को निरस्त करने संबंधी संस्तुति शहरी विकास विभाग को भेजी है।
इससे पहले न्यायालय द्वारा इस मामले में शासन को 60 दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया था. जिसके बाद गीता कुमाई द्वारा इसके विरुद्ध विशेष याचिका दायर की गई थी.
गीता कुमाई का कहना है कि उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय द्वारा जांच हेतु जो निर्देश दिए गये थे, वह निरस्त किया जा चुका है. ऐसे में अब मामले में जिलाधिकारी को जांच या संस्तुति का कोई अधिकार नही है और ऐसा करना अवैध व विधि विरुद्ध है.
हालाँकि जिलाधिकारी ने साफ़ कर दिया है कि उनके द्वारा शासन को नगर पालिका मसूरी के वार्ड 8 के निर्वाचन को निरस्त करने की संस्तुति नियमानुसार भेजी गई है.
हालांकि जानकार भी बताते हैं कि ऐसा कोई नियम नही है जिसके तहत शासन मामले की जांच नही कर सकता. क्योंकि जांच में अतिक्रमण की पुष्टि होने पर सभासद की सदस्यता निरस्त करने की संस्तुति नगर पालिका अधिनियम-1916 (संशोधित 2002) की धारा 40 के प्रावधानों के तहत की गई है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि पालिका का कोई सदस्य या उसके परिवार का कानूनी वारिस नगर पालिका के स्वामित्व व प्रबंधन वाली भूमि-भवन या सार्वजनिक सड़क, पट्टी, नाली या नाले पर अतिक्रमण करता है तो सरकार उसकी सदस्यता निरस्त करने का अधिकार रखती है।
अब पूरे मामले में देखने वाली बात होगी कि शासन जिलाधिकारी की संस्तुति के बाद नगर पालिका परिषद मसूरी के वार्ड आठ की सभासद गीता कुमाई की सदस्ता को निरस्त करता है या नही.

