नई टिहरी I केंद्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने अनुसूचित जाति के युवक जितेंद्र दास की मौत की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। आयोग के दो सदस्यीय टीम ने सोमवार को बसाण गांव पहुंचकर पीड़ित के परिजनों से घटना के संबंध में जानकारी ली। अगले तीन दिन तक टीम के सदस्य जौनपुर क्षेत्र में कैंपटी थाना, श्रीकोट गांव और नैनबाग अस्पताल जाकर घटना के कारणों की तह में जाने के लिए जांच पड़ताल करेंगे। इस दौरान टीम के सदस्य स्थानीय लोगों के अलावा पुलिस अधिकारियों से भी पूछताछ कर रिपोर्ट केंद्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंपेंगे।
जौनपुर ब्लॉक के श्रीकोट गांव में 26 अप्रैल को एक शादी समारोह के दौरान बगल में बैठकर सवर्ण जाति के कुछ दबंगों ने बसाण गांव निवासी अनुसूचित जाति के युवक जितेंद्र दास की जमकर पीटाई कर दी थी। घायल जितेंद्र की पांच मई को देहरादून अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मृतक की बहन की तहरीर के आधार पर पुलिस इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। घटना की रिपोर्ट देर से दर्ज करने की शिकायत पर कैंपटी थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया जा चुका है।
पूर्व सांसद तरुण विजय ने केंद्रीय मानवाधिकार आयोग से अनुसूचित जाति के युवक जितेंद्र दास मौत की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी। घटनाक्रम के तथ्यों की जांच पड़ताल के लिए सोमवार को केंद्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य एमएस गिल और राजेंद्र सिंह बसाण गांव पहुंचे। वहां उन्होंने पीड़ित परिवार के सदस्यों से अकेले में बातचीत की। सरकार की ओर से अब तक मिली मदद के बारे में भी जानकारी ली। आयोग के सदस्य एमएस गिल ने कहा कि हर पहलु को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। जल्द ही रिपोर्ट आयोग को सौंपी जाएगी।

