हरिद्वार I पीसीएस टॉपर बने हिमांशु कफलिटिया ने सतत अध्ययनरत रहकर मुकाम पाया है। उनका कहना है कि पढ़ाई के प्रति लगाव के साथ ही परिवार का सहयोग उन्हें इस सफलता तक पहुंचाने में खूब काम आया। हिमांशु को हारमोनियम और तबला बजाने का भी बेहद शौक है।
हिमांशु कफलिटिया नैनीताल जनपद के ग्राम स्वराज के रहने वाले हैं। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य घनश्याम कफलिटिया और माता गीता के पुत्र हिमांशु बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में होशियार रहे।
उन्होंने गांव के प्राइमरी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद में जवाहर नवोदय विद्यालय रुद्रपुर से इंटर की परीक्षा पास की। नैनीताल से ग्रेजुएशन करने के बाद परीक्षा की तैयारी में जुट गए। 2012 में हुई पीसीएस परीक्षा में उन्होंने किस्मत आजमाई लेकिन परिणाम उनकी उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा।
वे जिला पंचायत कार्याधिकारी के रूप में चयनित हुए। वर्तमान में वह टिहरी में कार्यरत हैं। 1 जून को उनका स्थानांतरण इसी पद पर देहरादून में हुआ, लेकिन अभी तक उन्होंने ज्वाइन नहीं किया।
सफलता के लिए शॉर्टकट रास्ता नहीं
आजकल वह अपने गांव में छुट्टियां बिता रहे हैं। पढ़ाई के साथ उनकी रुचि लेखन में भी है। उन्होंने बताया कि वे हारमोनियम और तबला वादन के भी शौकीन हैं। उनकी एक पुस्तक द कांप्रेहैंसिव स्टडी ऑफ उत्तराखंड प्रकाशित होने वाली है।
उन्होंने एलआईसी में प्रशासनिक सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर काम करने के साथ ही विजया बैंक में लिपिक के रूप में भी नौकरी का चुके हैं। उनके बड़े भाई रमाशंकर कफलिटिया पेट्रोलियम मंत्रालय में चार्टर्ड अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हैं। हिमांशु की पत्नी देहरादून में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं।
हिमांशु का कहना है कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट रास्ता हो ही नहीं सकता। उनका कहना है कि यदि आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करना है तो इसी मूल मंत्र के साथ पढ़ाई करके मुकाम हासिल करना चाहिए।
सीएम कर चुके सम्मानित
एक सप्ताह पहले ही गढ़वाल मंडल की स्वर्ण जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हिमांशु को स्वच्छता में बेहतर योगदान के लिए सम्मानित किया था।
उन्होंने एलआईसी में प्रशासनिक सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर काम करने के साथ ही विजया बैंक में लिपिक के रूप में भी नौकरी का चुके हैं। उनके बड़े भाई रमाशंकर कफलिटिया पेट्रोलियम मंत्रालय में चार्टर्ड अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हैं। हिमांशु की पत्नी देहरादून में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं।
हिमांशु का कहना है कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट रास्ता हो ही नहीं सकता। उनका कहना है कि यदि आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करना है तो इसी मूल मंत्र के साथ पढ़ाई करके मुकाम हासिल करना चाहिए।
सीएम कर चुके सम्मानित
एक सप्ताह पहले ही गढ़वाल मंडल की स्वर्ण जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हिमांशु को स्वच्छता में बेहतर योगदान के लिए सम्मानित किया था।

