उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड टाउन प्लानिंग स्कीम (इंप्लीमेंटेशन) रूल्स, 2025 का मसौदा तैयार किया है। इसका उद्देश्य राज्य में पहली बार टाउन प्लानिंग स्कीम को लागू करने के लिए एक प्रक्रिया-आधारित फ्रेमवर्क उपलब्ध कराना है। यह योजना सेल्फ-फाइनेंस मॉडल पर आधारित है। गुजरात और महाराष्ट्र में ऐसी योजनाओं की सफलता से उत्तराखंड उत्साहित है। इस योजना से सुनियोजित शहरी जमीन, इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा।
देश की शहरी आबादी वर्ष 2050 तक लगभग दोगुनी होने का अनुमान है, उत्तराखंड राज्य भी इसे लेकर चिंतित है। सुनियाेजित शहरी विकास की बड़ी जरूरत है।
इसे ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड टाउन प्लानिंग स्कीम (इंप्लीमेंटेशन) रूल्स, 2025 का मसौदा तैयार किया है, ताकि राज्य में पहली बार टाउन प्लानिंग स्कीम को लागू करने के लिए एक प्रक्रिया-आधारित फ्रेमवर्क उपलब्ध हो सके।
उत्तराखंड में अब तक टाउन प्लानिंग स्कीम का कोई ढांचा मौजूद नहीं है। राज्य सरकार उत्तराखंड अर्बन कंट्री प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट के तहत राज्य में नियोजित शहरों व सेटेलाइट टाउन को हितधारकों की भागीदारी व पूर्णतः सेल्फ-फाइनेंस माडल से विकसित करेगी।
प्रमुख सचिव आवास मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि उत्तराखंड ने टाउन प्लानिंग के लिए जीरो बजट माडल को चुना है। गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में टाउन प्लानिंग स्कीम की सफलता से उत्तराखंड उत्साहित है और टाउन प्लानिंग स्कीम पर काम शुरू करने जा रहा है।
अहमदाबाद और सूरत में 90-95 प्रतिशत से अधिक शहरी विकास टाउन प्लानिंग के माध्यम से ही किया गया है, पुणे और नवी मुंबई एयरपोर्ट इन्फ्लुएंस एरिया में भी इसी प्लान से विस्तार चल रहा है। राजस्थान और कर्नाटक ने भी इसे अपनाना शुरू किया है।
मुख्य बातें
- ज़ीरो-बजट माडल : स्कीम पूरी तरह सेल्फ़-फाइनेंसिंग।
- घर, व्यापार और उद्योगों के लिए सुनियोजित शहरी जमीन उपलब्ध।
- जबरदस्ती अधिग्रहण से बचकर देरी और विवाद कम।
- इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर से लिवेबल शहर और आर्थिक विकास।
- राष्ट्रीय लक्ष्यों और ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस के अनुरूप सस्टेनेबल डेवलपमेंट।
लाभ
- आधुनिक इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर
- जमीन का न्यायपूर्ण पुनर्वितरण
- अधिग्रहण में देरी व मुकदमे कम
- आर्थिक रूप से मजबूत और रहने लायक शहर
कैसे लागू होगा?
पहला चरण
क्षेत्र का चयन
- आधिकारिक घोषणा
- टाउन प्लानिंग आफीसर की नियुक्ति
- जनता से सुझाव-आपत्तियां
- ड्राफ्ट तैयार
दूसरा चरण
- ड्राफ्ट प्रकाशित, सुझाव आमंत्रित
- प्रारंभिक मंजूरी
- नई जमीन
- विभाजन व वित्तीय प्लान
- अंतिम मंजूरी
- प्लान सार्वजनिक
अंतिम चरण
- जमीन मालिकों को स्वामित्व प्रमाणपत्र
- पुराने प्लाट खाली कर नए प्लाट आवंटित
- स्कीम का पूर्ण कार्यान्वयन
