नई दिल्ली I लद्दाख के इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के आमने-सामने होने की खबर है. दोनों ओर की सेना अपने-अपने मोर्चे पर डटी हैं. इस बीच हालिया तनाव के इस मुद्दे पर दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठक हुई है. चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर क्या हालात हैं, इस पर चर्चा चल रही है. इस उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं.
बता दें, लद्दाख क्षेत्र में चीन की ओर से जो लगातार सैनिकों की संख्या बढ़ाई जा रही है. उसे देखते हुए अब भारत भी अपनी तैनाती को बढ़ाएगा. लद्दाख में बीते दिनों जो हुआ है, उसके बाद से ही सुरक्षा की दृष्टि से भारत ने अपनी नजर पैनी की है और हर एक कदम पर कड़ी निगाहें बनी हुई हैं.
कुछ ही दिन पहले भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख और सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में भी झड़प हो चुकी है. इसी के बाद दोनों देशों में तनाव की स्थिति है. सिर्फ लद्दाख ही नहीं बल्कि बीते एक महीने में चीन और भारत के बीच तीन क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति बन रही है.
वेस्ट सेक्टर में लद्दाख, ईस्टर्न सेक्टर में नॉर्थ सिक्कम और उत्तराखंड के पास दोनों देश आमने-सामने हैं. हाल ही में 5,000 से अधिक चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आ गए हैं. टकराव इस महीने के पहले हफ्ते में 5-6 मई के आसपास शुरू हुआ था और ये स्थिति सिक्किम तक बनी थी.
दूसरी ओर, सेना कमांडरों का द्विवार्षिक सम्मेलन 27 से 29 मई तक दिल्ली में होने जा रहा है. लद्दाख में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच होने जा रहे इस सम्मेलन में सेना के टॉप अधिकारी हिस्सा लेंगे. बैठक का दूसरा दौर जून के अंत में आयोजित किया जाएगा. सम्मेलन को पहले अप्रैल में आयोजित किया जाना था, लेकिन COVID19 लॉकडाउन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था. सूत्रों ने बताया कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ऑपरेशनल मुद्दों और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (LOC) की स्थिति पर सम्मेलन में विचार होने की संभावना है.