गुरुवार से हल्का पड़ सकता है मानसून, विदाई को अभी इंतजार

उत्तराखंड में बादलों के डेरे के बीच ज्यादातर क्षेत्रों में बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। हालांकि, अब अगले कुछ दिन प्रदेश में वर्षा का क्रम धीमा पड़ सकता है। हालांकि, सितंबर अंत तक प्रदेश में कहीं-कहीं बौछारें पड़ने का सिलसिला बना रह सकता है। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में मानसून के उत्तराखंड से विदा होने के आसार हैं। बीते वर्ष भी मानसून की विदाई निर्धारित समय से करीब एक सप्ताह विलंभ से हुई थी।
सामान्यत: उत्तराखंड में मानसून जून के अंत में प्रवेश करता है और सितंबर अंत में विदा हो जाता है। लेकिन, बीते कुछ वर्षों से यह क्रम कुछ आगे बढ़ा है। एक जून से 30 सितंबर तक मानसून सीजन माना जाता है। हालांकि, अब अक्टूबर प्रथम या दूसरे सप्ताह तक भी मानसून सक्रिय रहने लगा है। इस बार भी अभी देश से मानसून की विदाई शुरू नहीं हुई है।

राजस्‍थान से सबसे पहले विदा होता है मानसून
सबसे पहले मानसून राजस्थान से विदा होता है और फिर लगभग 10 दिन बाद उत्तराखंड से विदाई होती है। इस बार अभी तक देशभर में ही मानसून सक्रिय है। उत्तराखंड में भी बौछारों का दौर बना हुआ है। बीते तीन वर्षों से प्रदेश से अक्टूबर में ही मानसून विदा हुआ है। हालांकि, उससे पहले सितंबर अंत तक मानसून जाने की पुष्टि हो जाती थी। मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के अनुसार उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में अगले कुछ दिन वर्षा का क्रम धीमा रहने का अनुमान है। लेकिन, बीच-बीच में कहीं-कहीं वर्षा के दौरान हो सकते हैं। इस माह के अंत तक मौसम में कोई परिवर्तन आने की उम्मीद नहीं है। अक्टूबर प्रथम सप्ताह तक मानसून के विदा होने के आसार हैं।

एक दिन में आठ डिग्री सेल्सियस लुढ़का पारा, 10 वर्ष में सबसे ठंडा सितंबर
देहरादून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की निम्न दबाव रेखा गुजरने के कारण घने बादलों का डेरा रहा और दिनभर हल्की वर्षा होती रही। जिससे पारे ने भी गोता लगाया और 24 घंटे के भीतर दून के तापमान में आठ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।
इसके साथ ही बुधवार बीते 10 वर्ष में सितंबर का सबसे ठंडा दिन रहा। बुधवार को दून का अधिकतम तापमान 25.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, इससे पहले केवल 22 सितंबर 2014 को ही इससे कम 24.9 डिग्री सेल्सियस पारा रिकार्ड किया गया था।
इधर, मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने के आसार हैं। उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर में आंशिक बादलों के बीच हल्की वर्षा हो सकती है। 4500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी भी संभव है। इसके अलावा आगामी 25 सितंबर के आसपास फिर वर्षा के आसार हैं।