पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल (Pushkar Singh Dhami Cabinet) की बैठक में किसानों को राहत देने को प्रधानमंत्री सम्मान निधि की भांति मुख्यमंत्री सम्मान निधि पर मुहर लग सकती है।
इन मुद्दों पर लग सकती है मुहर
मंत्रिमंडल (Pushkar Singh Dhami Cabinet) की बैठक में परिवहन अधिकारी सेवा नियमावली समेत शिक्षा, राजस्व, स्वास्थ्य, कृषि, आपदा प्रबंधन समेत डेढ़ दर्जन विभागों के बिंदुओं पर निर्णय लिए जा सकते हैं।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को सुबह 11 बजे सचिवालय में शुरू हो गई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। बीते दिनों आपदा से जानमाल की हानि हुई है। बैठक में आपदा राहत को लेकर निर्णय लेने पर मंथन किया जाएगा।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी प्रेमचंद्र अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, चंदन राम दास, धन सिंह रावत मौजूद हैं।
अब दायित्व वितरण और मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी नजर
वहीं उत्तराखंड भाजपा की नई टीम (Uttarakhand BJP New Team) घोषित होने के बाद अब विभिन्न निगमों, प्राधिकरणों व आयोगों में दायित्व वितरण पर पार्टी नेताओं की नजर टिक गई हैं। समझा जा रहा है कि दायित्व वितरण के पश्चात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल (Pushkar Singh Dhami Cabinet) का विस्तार भी कर सकते हैं। इससे तीन विधायकों की मंत्री बनने की आस पूरी हो सकती है।
प्रदेश भाजपा की पिछली कार्यकारिणी में शामिल रहे 17 नेताओं को इस बार नई टीम में जगह नहीं मिली है। ऐसे में माना जा रहा कि इन नेताओं को प्रदेश सरकार में दायित्व दिए जा सकते हैं। वैसे भी दायित्व वितरण को लेकर पिछले कई दिनों से कसरत चल रही है, लेकिन प्रदेश भाजपा की नई टीम (Uttarakhand BJP New Team) का गठन होने तक इसे टाल दिया गया था।
अब जबकि नई टीम गठित हो गई है तो जल्द ही दायित्व वितरण होने की संभावना है। चर्चा तो यह भी है कि दायित्व वितरण के लिए सूची पहले से ही तैयार है, जिसमें कुछ नए नाम जुडऩे हैं। ऐसे में दायित्व की आस लगाए गए बैठे पार्टी नेता अब मुख्यमंत्री की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।
उधर, धामी सरकार में तीन मंत्री पद भी रिक्त चल रहे हैं। दायित्व वितरण होने के बाद इन पदों को भी भरा जा सकता है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री के हाल के दिल्ली दौरे में इस सिलसिले में भाजपा के केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा हो चुकी है।राजनीतिक गलियारों में कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल की चर्चा भी चल रही है, लेकिन इस बात की संभावना कम ही है। कारण यह कि सरकार को अभी पांच माह का ही समय हुआ है।