नई दिल्ली: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को दो दिन के भारत दौरे पर आ रहे हैं. ये अनौपचारिक शिखर सम्मेलन होगा जिसमें चीनी राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी भी इसमें हिस्सा लेंगे. जून 2019 के बाद से ये पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच तीसरी मुलाकात है. जबकि 2018 में हुए वुहान के अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बाद से ये दोनों नेताओं के बीच छठी मुलाकात है.
चेन्नई से करीब 60 किलोमीटर दूर मामल्लपुरम में होने वाले इस अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में दोनों नेता राजनीतिक, उद्योग, रक्षा और क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात करेंगे. इस अनौपचारिक सम्मेलन में किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं होंगे ना ही कोई साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी.
इमरान को झटका देने की तैयारी, PM मोदी चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ करेंगे आतंकवाद के खिलाफ मुहिम पर बात
क्या है शी जिनपिंग के भारत दौरे का पूरा कार्यक्रम?
शी जिनपिंग शुक्रवार को 1 बजकर 20 मिनट पर चेन्नई पहुंचेंगे, जहां उनका पारंपरिक डांस और म्यूजिक के साथ एयरपोर्ट पर स्वागत किया जाएगा. इसके बाद होटल आईटीसी ग्रांड के लिए रवाना होंगे. होटल में कुछ देर आराम के बाद महाबलीपुरम के लिए सड़क मार्ग से रवाना होंगे.
महाबलीपुरम में शी जिनपिंग पीएम मोदी के साथ शाम पांच बजे ‘अजुर्न पेनांस’, पांच बजकर 20 मिनट पर पांच रथ और पांच बजकर 45 मिनट पर शोर मंदिर जाएंगे. शी जिनपिंग सांस्कृतिक समारोह में शामिल होंगे और पीएम डिनर होस्ट करेंगे. इसके बाद रात नौ बजे होटल लौट जाएंगे.
अगले दिन 12 अक्टूबर को शी जिनपिंग सुबह नौ बजे महाबलीपुरम रवाना हो जाएंगे. यहां पीएम मोदी-शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता होगी. इसके बाद शी जिनपिंग करीब एक बजे चेन्नई लौट आएंगे और इसके बाद दोपहर 2:20 पर चीन रवाना हो जाएंगे.
किन-किन विषयों पर होगी बात?
विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि ये शिखर वार्ता दोनों नेताओं को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के व्यापक मुद्दों पर बातचीत जारी रखने का अवसर प्रदान करेगी. मोदी-शी आतंकवाद के खिलाफ मुहिम पर बात करेंगे. वहीं दूसरी ओर सूत्रों ने बताया, ”मोदी-शी शिखर वार्ता में व्यापार, राजनीतिक संबंधों, आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर चर्चा होगी.” इसके साथ ही सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने पर चर्चा होगी. सूत्रों ने कहा, ”चीन समेत सभी देशों ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाना भारत का आंतरिक मसला है. इस मुद्दे पर चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है.”

