नई दिल्ली I जिस पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीतकर भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया था, वहीं उसके धुर विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस को उप-चुनाव में तीन सीटों पर भाजपा के हारने पर बेहद संतोष हुआ है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पश्चिम बंगाल में तीन सीटों के उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री देवाश्री चौधरी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के क्षेत्र में भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है. हालांकि, भाजपा का कहना है कि नतीजों के लिहाज से भले तीनों सीटों पर पार्टी हार गई, मगर पिछली बार की तुलना में वोटों में भारी इजाफा कर पार्टी दूसरे नंबर पर रही है. इस तरह भाजपा अब सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का मजबूत विकल्प बन चुकी है. कालियागंज और खड़गपुर में लोकसभा चुनाव के दौरान बढ़त मिलने के बावजूद उपचुनाव में हार भाजपा नेताओं को हालांकि परेशान कर रही है.
कालियागंज विधानसभा सीट पर कांटे की लड़ाई के बाद मात्र 2,300 वोटों से भाजपा की हार हुई. यहां 2016 के विधानसभा चुनाव में महज 27 हजार वोट पाकर भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी, मगर इस बार उपचुनाव में तीन गुने से भी अधिक (95 हजार से अधिक) वोट मिले हैं.
इसी तरह करीमपुर विधानसभा सीट पर भी भाजपा अपने वोटों में भारी बढ़ोतरी करने में सफल रही है. पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में तीन गुना वोट बढ़े हैं. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 23302 वोट मिले थे, जबकि तीन साल बाद हुए इस उपचुनाव में 78 हजार से ज्यादा वोट मिले.

