कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने दीप प्रज्वलित कर किया। समारोह का आयोजन चौरास स्थित स्वामी मनमंथन प्रेक्षागृह में किया जा रहा है। इसके बाद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने 45 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक के साथ ही 419 को उपाधि प्रदान की। उन्होंने कहा कि सभी छात्र छात्राओं को स्टार्टअप इंडिया, फिट इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, एक भारत श्रेष्ठ भारत, उन्नत भारत जैसे अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए देश की प्रगति में भी अपनी भूमिका निभानी होगी।
कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि क़्वालिटी रिसर्च को प्राथमिकता के साथ ही बढ़ावा भी दिया जा रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक को विश्वविद्यालय में प्रतिबंध कर दिया गया है। कहा कि विदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक शोध आदान प्रदानों के लिए एमओयू किए जा रहे हैं। इससे शिक्षा के स्तर में सुधार होगा।
अतिथियों के लिए कंडाली के रेशों से बने दीक्षा वस्त्र
समारोह को खास बनाने के लिए विवि की ओर से अतिथियों और उपाधि लेने वाले छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली सामग्री में कोई न कोई संदेश दिया जाएगा। इस बार विवि की कोशिश है कि किसी भी तरह कार्यक्रम में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न किया जाए। साथ ही कार्यक्रम में जो भी सामग्री हो, उससे समाज में कोई न कोई संदेश जाए।
स्मृति चिह्न को संदेश चिन्ह का नाम दिया गया है। इसके जरिए जल संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है। अंग वस्त्र को दीक्षा वस्त्र कहा जाएगा। उपाधि लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए खादी का दीक्षा वस्त्र बनाया गया है। इस पर अर्थवेद का सूत्र यत्रेदं प्रह क्रियते परिधिर्जीवनाय लिखा गया है, जबकि अतिथियों को कंडाली (बिच्छू घास) के रेशों से बने दीक्षा वस्त्र भेंट किए जाएंगे।
विवि के अधिकारी डा. सर्वेश उनियाल ने बताया कि आईकार्ड प्लास्टिक और फाइल फोल्डर प्लास्टिक के बजाय वुडन बेस्ड गत्ते के हैं। फाइल फोल्डर में एपण उकेरे गए हैं। इस पर शिक्षा ही समाधान सूत्र वाक्य लिखा गया है। मंच पर अतिथियों के लिए तांबे की बोतल में पानी रखा जाएगा।
सेल्फी विद डिग्री
मौजूदा समय में सेल्फी के बढ़ते प्रचलन का भी विवि ने ध्यान रखा है। कार्यक्रम स्थल स्वामी मनमंथन प्रेक्षागृह में सेल्फी विद डिग्री कार्नर बनाया गया है। यहां छात्र-छात्राएं डिग्री के साथ फोटो खिंचवा सकेंगे।

