रविवार को गढ़वाल विवि का दीक्षांत समारोह संपन्न होने के बाद यहां मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में हुई बैठक में संघ को औपचारिक मान्यता मिल गई। अब हिमालयी राज्यों में स्थापित13 केंद्रीय विवि आपस में विचार विमर्श के बाद हिमालय के हितों की शोध परियोजनाओं पर एक साथ मिलकर काम करेंगे।
यहां देश के विभिन्न विवि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में डा. निशंक ने कहा कि वह हिमालय की अमूल्य संपदा और जैव विविधता के साथ-साथ हिमालय के पारंपरिक आयुर्वेद व जड़ी बूटियों के संरक्षण पर कार्य करें। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हिमालय पर किए गए कार्यों और अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि हिमालय में स्थापित विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों को हिमालय की मजबूती के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने इसमें पूरी मदद करने का आश्वासन दिया।
वन संपदा को बढ़ाने के लिए मिल जुलकर कार्य करना होगा
संघ गठन के उद्देश्य
-स्थानीय निवासियों की समस्याओं का सामाजिक व वैज्ञानिक समाधान ढूंढा जाएगा।
-हिमालयी राज्यों से पलायन को रोकने के उपाय किए जाएंगे।
-हिमालय के निवासियों की आय बढ़ाने के तरीके ढूंढे जाएंगे।
-आपदाओं से होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने की दिशा में काम होगा।
-स्थानीय नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली शिक्षा दी जाएगी।