नई दिल्ली I संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में आज कश्मीर मुद्दे पर बंद कमरे में चर्चा होगी. यह चर्चा पाकिस्तान के दोस्त चीन की मांग के मद्देनजर की जा रही है. इससे पहले फ्रांसीसी राजनयिक के ही एक सूत्र ने बताया कि यूएनएससी में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए चीन की मांग को स्वीकार कर लिया गया है. वहीं उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर मुद्दे पर फ्रांस का रुख साफ है. फ्रांस का मानना है कि यह मुद्दा द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाया जाना चाहिए.
पी-5 देशों में से एक चीन ने मांग की थी कश्मीर पर बंद कमरे पर चर्चा बुलाई जाए. इससे सभी पी-5 देशों ने स्पष्ट किया है कि यह कश्मीर का आंतरिक मुद्दा है. दावा किया जा रहा है कि यह मीटिंग परिणामहीन ही रहने वाली है क्योंकि कश्मीर को भारत देश का आंतरिक मुद्दा मानता है, साथ ही किसी भी विदेशी राष्ट्र के हस्तक्षेप से इनकार करता है. पी5 चीन, फ्रांस, रूस, युनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट्स का संगठन है.
चीन ने ‘एनी अदर बिजनेस’ के तहत यह मांग रखी थी. पाकिस्तान ने चीन से पहले ही मांग की थी इस मुद्दे पर चर्चा की जाए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दिसंबर 2019 में चीन के सामने यह मांग रखी थी. यह बैठक पहले 24 दिसंबर को होने वाली थी लेकिन किन्हीं कारणों से यह बैठक पूरी नहीं हो सकी थी.
15 सदस्यीय एक टीम न्यूयॉर्क में भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 30 मिनट पर बैठक करेगी. इस मीटिंग में कश्मीर में लागू पाबंदियों के साथ-साथ राजनेताओं की गिरफ्तारी का मुद्दा भी उठाया जाएगा. इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक 5 स्थाई सदस्यों के अतिरिक्त अन्य 10 देश भी शामिल होंगे. ज्यादातर देश कश्मीर पर चर्चा के पक्षधर नहीं हैं. इसलिए इस मीटिंग का कोई परिणाम सामने नहीं आ सकता है. कश्मीर पर हो रही यह चर्चा 16 अगस्त 2019 के दिन हुई चर्चा की तरह परिणामहीन होने वाली है.
इस बैठक को आधिकारिक रूप से दर्ज नहीं किया जाएगा. यह एक अनौपचारिक बैठक की तरह है. पी5 देशों में फ्रांस हमेशा भारत के साथ है. फ्रांस के डिप्लोमेट्स से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वे कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानते हैं, वे इस बैठक में भी अपने रुख पर कायम रहेंगे. फ्रांस का मानना है कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का है, जिसे वे आपसी समझौते से सुलझा सकते हैं.

