नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक बार चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया है. IMF ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है. IMF ने कहा है कि घरेलू मांग में उम्मीद से भी अधिक कमी आई है. साथ ही, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 120 आधार अंक यानी 1.20 फीसदी घटाकर 7 फीसदी से 5.8 फीसदी कर दिया है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2019 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 4.8 प्रतिशत कर दिया है. गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों में दबाव और ग्रामीण भारत में आय वृद्धि कमजोर रहने का हवाला देते हुए वृद्धि अनुमान को कम किया गया है. विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) का सालाना शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए आईएमएफ ने वैश्विक वृद्धि दर के साथ साथ भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में संशोधन की जानकारी दी है.
इन दो वजहों से मिल सकता है ग्रोथ को सपोर्ट
वित्त वर्ष 2020 के जीडीपी अनुमान में 90 फीसदी की कटौती करते हुए 7.4 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ ने कहा कि घरेलू मांग में भारी गिरावट इसकी सबसे बड़ी वजह है, जो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC’s) के संकट और क्रेडिट ग्रोथ में कमी की वजह से हुई है. हालांकि, आईएमएफ ने यह भी कहा है कि केंद्रीय बैंक (Reserve Bank of India) द्वारा उठाए गए कदम और कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहने पर ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.

