उत्तराखंडः कोटद्वार-कुंभीचौड़ मुख्य मार्ग पर धमका हाथी, लोगों ने भागकर बचाई जान

कोटद्वार I लैंसडौन वन प्रभाग वन सीमा से सटे सनेह क्षेत्र के ग्रामीणों को हाथी के आतंक से निजात नहीं दिला पा रहा है। क्षेत्र के कुंभीचौड़ में धमके हाथी ने बुधवार को जमकर आतंक मचाया। हाथी ने इस दौरान मॉर्निंग वॉक पर जा रहे लोगों को दौड़ाया और दो किसानों के खेतों में घुसकर गेहूं की फसल रौंद डाली। हाथी के सुबह मुख्य मार्ग पर टहलने को लेकर लोग भयभीत हैं। उन्होंने वन विभाग से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

बुधवार सुबह करीब छह बजे लैंसडौन वन प्रभाग के जंगल से निकलकर एक विशालकाय टस्कर हाथी कुंभीचौड़ के मनकामेश्वर मंदिर से होते हुए कुंभीचौड़ चौराहे पर धमक गया। चौराहे पर मॉर्निंग वॉक के लिए निकले लोगों के हाथी को देखते ही होश उड़ गए। लोगों ने वहां से भागने में ही भलाई समझी। काफी देर चौराहे पर खड़ा रहने के बाद हाथी कुंभीचौड़ चौराहे से कोटद्वार की ओर मुख्य मार्ग पर चल पड़ा।
 

आंदोलन की चेतावनी

हाथी को सामने देख लोगों में भगदड़ मच गई। उन्होंने विपरीत दिशा में दौड़ लगाकर अपनी जान बचाई। इसके बाद हाथी सड़क से ऊपर की ओर जा रहे मार्ग पर चलकर सतीश पंत और रमेश के खेतों में पहुंच गया। उसने गेहूं की फसल चट कर दी। निकटवर्ती घरों के लोगों ने हो हल्ला कर सुबह सात बजे किसी प्रकार हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा।

पूर्व प्रधान दीपक पांडे, गजेंद्र रावत, सतीश पंत ने वन विभाग पर हाथी की रोकथाम नहीं करने का आरोप लगाया। कहा कि वन विभाग द्वारा लगाई गई सौर ऊर्जा बाढ़ के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण हाथी वहां से आबादी में घुस रहा है।

उन्होंने वन विभाग से सौर ऊर्जा बाढ़ की मरम्मत कराने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। उधर, कोटद्वार रेंज अधिकारी बीबी शर्मा ने बताया कि उनको कुंभीचौड़ में सुबह हाथी के आने की जानकारी नहीं है। सौर ऊर्जा बाढ़ की शीघ्र मरम्मत की जाएगी। 

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